- ओपीडी में बढ़ी मरीजों की भीड़, सर्दी-जुकाम के बढ़ रहे मामले

- बड़ों के जरिए फैल रहा है बच्चों में इंफेक्शन

ALLAHABAD: मौसम में बदलाव बच्चों पर कहर बनकर टूट रहा है। सर्दी-जुकाम, खांसी और निमोनिया से ग्रसित मरीजों ने ओपीडी में दस्तक देनी शुरू कर दी है। डॉक्टरों के मुताबिक भविष्य में अधिक तापमान गिरने से दिक्कतें बढ़ सकती हैं। ऐसे में पैरेंट्स को होशियारी बरतने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही से उनका लाडला खतरनाक बीमारी का शिकार हो सकता है।

जानलेवा हो सकता है निमोनिया

ठंड और गलन बढ़ने से बच्चों पर निमोनिया का खतरा मंडराने लगा है। जुकाम के शुरुआती लक्षणों को नजर अंदाज करने से बच्चा जानलेवा निमोनिया की चपेट में आ सकता है। चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ। मनीष चौरसिया बताते हैं कि छाती में जबरदस्त इंफेक्शन होने की वजह से उन्हें भर्ती कराने की सलाह देनी पड़ती है। कई बार बच्चों की जान पर भी बन आती है। ऐसे में सर्दी, जुकाम और खांसी के लक्षण दिखते ही पांच साल से कम उम्र के बच्चों को तत्काल डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

गलती आपकी है, बच्चे हैं निर्दोष

आमतौर पर बच्चों में इंफेक्शन बड़ों की गलती से फैलता है। ठंड में बच्चों के कान, हाथ और पैर खुले रखना। कमर के ऊपर के कपड़े उठ जाना। इन चीजों पर ध्यान नहीं देने से दिक्कतें बढ़ जाती हैं। डॉ। चौरसिया कहते हैं कि बच्चों को गोद में उठाने के दौरान उनकी कमर के हिस्से को खुला न रखें। क्योंकि, उन्हें सबसे ज्यादा ठंड यहीं से लगती है। इसके अलावा खुद को इंफेक्शन होने के बाद बच्चों के नजदीक रहना भी उनको इंफेक्टेड कर सकता है। रात में बिना ऊनी कपड़ों के बच्चों को घर से बाहर ले जाना भी खतरनाक हो सकता है।

तीन दिनों में ओपीडी में बढ़ी भीड़

पिछले तीन दिनों में पारा गिरने के बाद हॉस्पिटल्स की ओपीडी में बच्चों की भीड़ दो से तीन गुनी बढ़ गई है। बेली हॉस्पिटल के सीएमएस और चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ। यूसी द्विवेदी बताते हैं कि ओपीडी में सबसे अधिक एक माह से कम उम्र के बच्चे आ रहे हैं। इनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और ऐसे में वह आसानी से इंफेक्शन की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे बच्चों को अधिक से अधिक माताओं को अपना दूध पिलाना चाहिए। इसके अलावा बच्चों को साफ और गर्म कपड़ों से ढंक कर रखना चाहिए।

इन बातों का रखें ख्याल

- बच्चों को गोद में लेते समय ध्यान रखें उसके कमर कपड़े न हटने पाएं

- सबसे ज्यादा यहीं से ठंड लगती है बच्चों को

- अगर आप सर्दी जुकाम से थोड़ा भी इफेक्टेड हैं तो बच्चों से दूर रहें

- पीडियाट्रिक ओपीडी में दोगुनी बढ़ी चाइल्ड पेशेंट्स की संख्या

- माताएं ठंड में बच्चों को बाहरी दूध की जगह फीडिंग कराएं

- बिना ऊनी कपड़ों के बच्चों को घर से बाहर न ले जाएं

- सर्दी जुकाम के शुरुआती लक्षण दिखते ही डॉक्टर को दिखाएं

Posted By: Inextlive