Agra:डॉ. बीआर अंबेडकर एक बार फिर से बड़ी लापरवाही सामने आ गई है. वो भी एग्जामिनेशन के बावत. यूनिवर्सिटी की ओर से इस बार कोर्स के हिसाब से कांपियों को रखने के लिए कलर वाले लिफाफे तय किए गए थे. उस ही कलर के लिफाफे में उस कोर्स की कापियां रखी जाएंगी तो तय कर दिया गया है. लेकिन कलर वाले लिफाफों को नोडल सेंटर्स पर पहुंचाने मे अब तक यूनिवर्सिटी नाकाम रही है.


ढ़ाई लाख कापियां हुई जमा  यूनिवर्सिटी के एग्जाम 2 अप्रैल से शुरू हुए थे। तब से से लेकर आज तक चार लाख कांपियां नोडल सेंटर्स पर जमा हो चुकी हैं। अगर लगातार ऐसे कापियां जमा होती रहीं और उनको कोर्स के हिसाब से तय हुए कलर वाले लिफाफे में नहीं डाल गया तो इनको चेक करने में परेशानी आएंगी। हैरानी की बात ये है कि अभी बड़े एग्जाम होने बाकी हैं।नहीं पहुंचे लिफाफे  यूनिवर्सिटी ने अभी तक नोडल सेंटर्स पर लिफाफे नहीं भेजे हैं। जबकि यूनिवर्सिटी ने टोटल 13 नोडल सेंटर्स बनाएं हैं। जहां से पूरे एग्जाम के लिए कापी और एग्जाम पेपर भेजे जाते हैं। इन्हीं सेंटर्स पर एग्जाम के बाद कापियां जमा की जाती हैं।खर्चा आठ लाख का


नोडल सेंटर्स पर कापी के रख रखाव को लेकर यूनिवर्सिटी ने आठ लाख रुपये का खर्चा कर डाला है। जिसमें कापी की कॉस्ट, एग्जाम के बाद कापियों को रखरखाव और हर कोर्स के हिसाब से कलर वाले लिफाफे और बंडल को सील करने के लिए सामग्री। इसमें नोडल सेंटर्स तक लाने ले जाने के लिए जो पेट्रोल यूज किया जाता है उसको भी खर्चा जुड़ा हुआ है।रिजल्ट जल्दी आए ये था तय

पिछले दो साल के दौरान यूनिवर्सिटी का रिजल्ट काफी देरी से आया  है। रिजल्ट को टाइम से निकाला जाए और वैसी गलती दोबारा से नहीं हो इसको ध्यान में रखते हुए एग्जाम 2013 पर यूनिवर्सिटी की विशेष नजर थी। उसी के चलते कलर वाले लिफाफे का प्रबंध किया गया था। आपको बता दें कि क्या थे इस दौरान के प्रबंध।1- कापियों को कोर्स के हिसाब से कलर वाले लिफाफे में रखा जाए।2- कलर से पहचान होगी किस कोर्स की कापी हैं। 3- एक एग्जाम होने के तीन दिन बाद से कापी होंगी खंदारी कैंपस में चेक 4- रिजल्ट में गलती नहीं हो और जल्दी आए। नोडल सेंटर्स पर लिफाफे भेजा जाना चाहिए। कुछ सेंटर्स से कंप्लेन भी आई है। चेकिंग की जाएगी। जिसकी वजह से लापरवाही हुई है। उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।प्रभात रंजन, डिप्टी रजिस्ट्रार, यूनिवर्सिटी

Posted By: Inextlive