-ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के खजाने में दीमक की तरह पहुंचा रहे नुकसान

-शासनादेश होने के बावजूद एक भी कॉमर्शियल बाइक से नहीं ले सके टैक्स

हॉफ कॉलम-

आरटीओ प्रवर्तन दल ने एक भी कॉमर्शियल बाइक पर एक्शन की नहीं समझी जरूरत

BAREILLY :

आरटीओ विभाग के अफसर ही अपने खजाने में दीमक बने हुए हैं। जिस कारण विभाग को डिस्ट्रिक्ट से करीब 4 लाख प्रति वर्ष का घाटा उठाना पड़ रहा है। शहर में 250 से अधिक संस्थानों पर बाइक्स का कामर्शियल यूज हो रहा है। इसके लिए विभाग ने दो वर्ष पहले बाइक्स का कामर्शियल यूज करने वाले संस्थानों को नोटिस भी जारी किया था। लेकिन अभी तक एक का भी रजिस्ट्रेशन नहीं करा सका। जिसके चलते दो वर्ष में विभाग को 8 लाख का नुकसान उठाना पड़ा है। इस मामले में विभाग के अफसरों का कहना है वह इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

3000 से अधिक व्यावसायिक बाइक

बाइक का इस्तेमाल कॉमर्शियल एक्टिविटीज जैसे फूड की होम डिलीवरी, कोरियर में बड़ी संख्या में हो रहा है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने इन बाइक्स को भी कॉमर्शियल की कटैगरी में रख दिया। अनुमान के मुताबिक बरेली में तकरीबन 3000 कॉमर्शियल बाइक हैं, जिनसे साल में कम से कम चार लाख रुपए टैक्स बनता है। अधिकारियों की लापरवाही के चलते बरेली में अब करीब 8 लाख रुपए राजस्व की हानि हो चुकी है।

तीन माह में फिटनेस जरूरी

कामर्शियल व्हीकल्स का फिटनेस सर्टिफिकेट जारी होता है। फोर व्हीलर व हैवी व्हीकल्स के लिए तो सालभर सर्टिफिकेट वैलिड होता है, लेकिन बाइक का फिटनेस हर तीसरे माह बनता है, जिसमें ब्रेक, हॉर्न, साइड मिरर और इंडीगेटर आदि सभी दुरूस्त रखना अनिवार्य होंगे। ताकि ये सभी हादसे के लिए कारण्ा न बनें।

एक संस्थान ने किया अप्लाई

कामर्शियल यूज बाइक्स को कामर्शियल रजिस्ट्रेशन कराने के लिए शासनादेश भी विभाग के पास आ चुका है। इसके बाद भी जिम्मेदार इसके लिए अवेयर नहीं हैं। डिस्ट्रिक्ट में अभी तक फरीदपुर के एक संस्थान के ओनर प्रमोद कुमार ने अपनी संस्थान में यूज हो रही 10 बाइक्स को कामर्शियल रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आरटीओ आफिस में आवेदन किया है। फिलहाल उनके लिए भी अभी विभाग कामर्शियल सर्टिफिकेट नहीं दे सका है। अफसरों ने बताया कि अभी आरटीओ की बैठक के बाद सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा।

स्थानीय स्तर पर देनी होती है सूचना

शहर में कई संस्थानों से जब इस बारे में जानकारी ली गई तो बताने लगे कि उनका तो हेड आफिस लखनऊ या फिर दिल्ली में है। जो भी बाइक्स का वह यूज कामर्शियल में कर रहे हैं उनका रजिस्ट्रेशन हेड आफिस से लखनऊ या फिर दिल्ली में करा रखा है। लेकिन आरटीओ विभाग के नियमानुसार यह गलत है। सभी कामर्शियल यूज वाहन का स्थानीय स्तर पर सूचना देनी अनिवार्य होता है। लेकिन अभी तक आरटीओ में किसी भी संस्थान ने ऐसी सूचना नहीं दी है।

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कामर्शियल यूज में जो संस्थान बाइक्स का यूज कर रहे हैं उन्हें कामर्शियल में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने वाले संस्थानों और बाइक्स वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल एक संस्थान ने आवेदन भी किया है।

आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन

फैक्ट्स एंड फिगर

660-प्रति सीट एनुअल कॉमर्शियल है टैक्स

1320-रुपए प्रति वर्ष बाइक का लगेगा कामर्शियल यूज में टैक्स

3-हजार बाइक्स का शहर में हो रहा कामर्शियल यूज

4- लाख प्रति वर्ष टैक्स का हो रहा नुकसान

2-वर्ष से आरटीओ विभाग कामशिर्यल यूज बाइक्स का रजिस्ट्रेशन कराने को भेज रहा नोटिस

10- बाइक्स का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए एक संस्था ने किया अप्लाई

250-से अधिक संस्थाओं पर हो रहा बाइक्स का कामर्शियल यूज

Posted By: Inextlive