रिटर्न दाखिल करने की लास्‍ट डेट 31 जुलाई से बढ़ाकर 5 अगस्‍त कर दी गई है. एचयूएफ और इंडीविजुअल्‍स को आज रिटर्न फाइल करना होगा. पांच लाख रुपये ज्‍यादा आय वालों के लिए ई-फाइलिंग जरूरी है. वहीं दो लाख रुपये ज्‍यादा छूट पाने वालों को रिटर्न भरना जरूरी है भले ही उनकी कुल आय उनके टैक्‍स छूट निवेश की रकम घटाने के बाद टैक्‍सेबल न हो.


सिक्योरिटी से आय का ब्यौरा जरूर देंभारतीय कंपनियों से प्राप्त डिविडेंट, सिक्योरिटी से लांग टर्म कैपिटल गेन, इत्यादि से आय का उल्लेख रिटर्न में जरूर करें. इस तरह की आय पर टैक्स नहीं लगता है.सेक्सन 80 टीटीएवित्त अधिनियम 2012 के अनुसार रेकरिंग डिपॉजिट या फिक्स्ड डिपॉजिट के तहत प्राप्त 10,000 रुपये ज्यादा ब्याज से प्राप्त आय को उल्लेख करना जरूरी हो गया है. इसे 'इन्कम फ्रॉम अदर सोर्स' के तहत जरूर जिक्र करें.सही फॉर्म भरें और ई-मेल देंचार तरह के आईटीआर फार्म हैं. अपनी आय के अनुसार ठीक फार्म का चुनाव करें. गलत फार्म में रिटर्न दाखिल करने पर आपका रिटर्न रद हो जाएगा. रिटर्न में अपने ई-मेल का जिक्र जरूर करें ताकि किसी भी प्रकार का संवाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपसे कर सके.टीडीएस डिटेल का करें उल्लेख


वो सेलरीड व्यक्ति जिन्हें ब्याज से आय हुआ हो वे आईटी डिपार्टमेंट की साइट पर लॉग इन कर सकते हैं और 26 एएस डाउनलोड करके टीडीएस डिडेक्शन चेक कर सकते हैं. टीडीएस के एवज में टैक्स क्रेडिट के लिए रिटर्न में आपको इसका उल्लेख जरूर करें.आईटीआर v जरूर मेल करें

यदि आप ई-फाइलिंग कर रहे हैं तो रिटर्न फाइल करने के 120 दिनों के भीतर साधरण डाक या स्पीड पोस्ट से आईटीआर v भरकर सीपीसी बंगलुरू मेल जरूर करें.बच्चों की इनकम का जिक्र करेंबच्चों के नाम निवेश या अर्जित आय को उनके माता-पिता की आय के साथ जोड़ा जाता है. इसलिए इस तरह की आय का उल्लेख जरूर करें.दो फार्म 16 हो तो सावधानएक ही वित्त वर्ष में दो संस्थानों में काम करने पर ज्यादातर कर्मचारी यह गलती कर बैठते हैं. वे अपनी एक ही तरह की टैक्स बचत मदों का दोनों जगह उल्लेख कर देते हैं. ऐसे में ध्यान रखें कि आईटी डिपार्टमेंट के रिकॉर्ड में सब जानकारी होती है इसलिए दोनों संस्थानों की कुल आय के अनुसार ध्यान से रिटर्न दाखिल करें.

Posted By: Satyendra Kumar Singh