दुनिया के सामने अमेरिकी खुफिया कार्यक्रम प्रिज्म की पोल खोलने वाले एडवर्ड स्नोडेन की ओबामा प्रशासन तीखी आलोचना कर रहा है. वहीं राष्ट्रपति बराक ओबामा की डेमोक्रेटिक पार्टी के एक वरिष्ठ सांसद ने पूर्व सीआइए कर्मचारी स्नोडेन की तुलना महात्मा गांधी से की है. उन्होंने कहा कि स्नोडेन जब प्रिज्म की जानकारी लीक कर रहे थे उस समय उन्हें कहना चाहिए था कि वह इसे ‘सबसे बड़ी अदालत’ जनता के समक्ष पेश कर रहे हैं.


प्रसिद्ध मानवाधिकार नेता जॉन लुईस के बोलदेश के प्रसिद्ध मानवाधिकार नेता 73 वर्षीय जॉन लुईस ने कहा,‘अहिंसा के दर्शन और महात्मा गांधी जैसे अन्य महापुरुषों की शिक्षाओं को ध्यान में रखते हुए यदि आपकी अंतरात्मा को लगता है कि कुछ अनुचित हो रहा है और आप ऐसी परंपराओं, खराब नियमों को तोडऩा चाहते हैं तो उन नियमों को धता बताने का आपके पास अधिकार है, पर इसके लिए बड़ी कुर्बानी भी देनी पड़ती है.’ उनका यह बयान स्नोडेन को अस्थायी रूप से शरण देने के रूस के फैसले से नाराज ओबामा द्वारा अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से प्रस्तावित मुलाकात टालने के बाद आया है. स्नोडेन ने कहा था कि अंतरात्मा की आवाज पर उन्होंने खुफिया निगरानी कार्यक्रम की जानकारी वाशिंगटन पोस्ट और गार्जियन अखबार को दी थी. उनका मानना था कि निगरानी कार्यक्रम हद से बाहर जा रहा है इस पर लगाम लगनी चाहिए.


मुझे चार बार गिरफ्तार किया गया

लुईस को ओबामा ‘अमेरिकी संसद की अंतरात्मा’ कहते हैं. वह मानवाधिकार नेता मार्टिन लूथर किंग के जीवित सहयोगियों में से एक हैं. उन्होंने कहा कि विवादास्पद व्हिसलब्लोअर आदेश न मानने के अहिंसात्मक कार्य में लिप्त थे. यह काम हम भी करते हैं. पिछली सदी के सातवें दशक के दौरान मुझे कई बार गिरफ्तार किया गया. जबसे मैं अमेरिकी कांग्रेस (संसद) में हूं मुझे चार बार गिरफ्तार किया गया. कई बार अंतरात्मा के आदेश पर आप काम करते हैं और आपको यह करना भी चाहिए. लुईस कांग्रेस के उन डेमोक्रेटिक सदस्यों में थे जिन्होंने पिछले महीने अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव मेंपेश उस संशोधित प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया था जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी द्वारा लाखों लोगों के फोन रिकॉर्ड करने के कार्यक्रम को बंद करने की मांग की गई थी. हालांकि प्रस्ताव मात्र सात वोटों से पास नहीं हो सका, लेकिन इससे यह बात सामने आई कि ज्यादातर सांसद निगरानी कार्यक्रम के विरोध में थे.

Posted By: Satyendra Kumar Singh