कॉनकॉर्ड दुनिया के सबसे खूबसूरत विमानों में शामिल रहा है. 1976 से लेकर 2003 में रिटायर होने तक यह हवाई सफ़र करने वालों का दुलारा बना रहा.


27 साल की सेवा के बाद इस विमान को पहले एयर फ्रांस और फिर ब्रिटिश एयरवेज़ ने रिटायर कर दिया.जीवन में कुछ चीज़ों का मतलब विलासिता होता है और कॉनकॉर्ड में उड़ना भी ऐसा ही था.महंगा, लेकिन शाही सफ़रकॉनकॉर्ड में सफर करना आम विमानों के मुक़ाबले काफ़ी महंगा था.कॉनकॉर्ड पहला सुपरसोनिक विमान था. मतलब इसकी रफ़्तार आवाज़ की गति से भी तेज़ थी. इसकी चोंच जैसी नाक इसे मैक-2 की रफ़्तार देने में सक्षम थी.इसका कॉकपिट मूविंग था. विमान के उतरने के दौरान कॉकपिट को आगे की ओर खिसकाया जा सकता था.इंजनों की गुर्राहटकॉनकॉर्ड के 27 साल के सफ़र में सिर्फ़ एक दुर्घटना हुई. साल 2000 में पेरिस के नजदीक एक कॉनकॉर्ड हादसे का शिकार हो गया था. इसके कुछ साल बाद 2003 में कॉनकॉर्ड रिटायर हो गया.
लेकिन कॉनकॉर्ड की ही धमक थी कि इंजीनियर अब सुपरसोनिक विमान विकसित करने पर काम कर रहे हैं जो यात्रियों को लंदन से न्यूयॉर्क महज एक घंटे में पहुंचा सकेगा.

Posted By: Satyendra Kumar Singh