- 2 साल पहले हुई थी नियमित कंडक्टर्स की भर्ती

- 1690 कंडक्टर्स की हुई थी भर्ती

- 90 कंडक्टर्स जुगाड़ से बने बाबू

- 400 से अधिक महिला कंडक्टर्स लखनऊ में तैनात

- कंडक्टर्स की कमी के चलते खड़ी हो रही बसें

- ऐसे कंडक्टर्स की रोकी गई सैलरी

- वापस बसों में भेजे जाएंगे कंडक्टर्स

LUCKNOW: रोडवेज की बसों में ड्यूटी करने से बचने के लिए कई कंडक्टर्स ने ऐसा जुगाड़ लगाया कि वह बाबू बन बैठे। वहीं इन कंडक्टर्स के हटने से कई रूटों की बसें खड़ी होने लगी, जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ। अब इन बाबुओं की सैलरी रोक दी गई है। लखनऊ परिक्षेत्र में ऐसे 90 कंडक्टर्स चिन्हित किए गए हैं। जल्द ही प्रदेश भर में इनकी संख्या चिन्हित कर उन्हें वापस बसों में भेजा जाएगा।

बसें होने लगी खड़ी तो हुआ खुलासा

राजधानी में जुगाड़ से बाबू बने कंडक्टर्स का ब्यौरा खंगाला जा रहा है। अब तक 90 कंडक्टर्स के मामले सामने आ चुके हैं। चारबाग, कैसरबाग, आलमबाग, अवध डिपो, बाराबंकी डिपो, रायबरेली डिपो और उपनगरीय डिपो में नियमित भर्ती के तहत इन कंडक्टर्स की तैनाती की गई है। क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लब बोस ने बताया कि जब बसों के संचालन को लेकर दिक्कतें सामने आने लगी तो पता चला कि कई कंडक्टर्स बाबू बन कर बस अड्डों और अन्य कार्यालयों पर जमे हुए हैं। इसी के चलते कंडक्टर्स को लेकर समीक्षा चल रही है।

ड्यूटी ना करने वालों में महिलाएं अधिक

कई कंडक्टर्स ऐसे सामने आए जो एक किमी का सफर किए बिना वेतन ले रहे हैं। फिलहाल तत्काल प्रभाव से ऐसे कंडक्टर्स के वेतन रोकने का आदेश जारी कर दिया गया है। बिना बसों में ड्यूटी किए वेतन लेने वाले कंडक्टर्स में सबसे अधिक संख्या महिलाओं की है। इन महिलाओं ने किसी से सिफारिश कराकर या फिर किसी बीमारी का बहाना बना कर बसों में ड्यूटी करने से इंकार कर दिया। विभागीय अधिकारियों के अनुसार दो साल पहले 1690 बस कंडक्टरों की नियमित भर्ती की गई थी। इनमें चार सौ से अधिक महिला कंडक्टर्स की ड्यूटी लखनऊ में है।

हर महीने चार हजार किमी पूरे करना अनिवार्य

रोडवेज के अधिकारियों ने बताया कि नियमित कंडक्टर को हर महीने चार हजार किलोमीटर की ड्यूटी अनिवार्य रूप से करनी है, लेकिन अक्सर कंडक्टर अधिकारियों से सिफारिश या फिर बीमारी का बहाना कर अन्य कार्यो के लिए अपनी ड्यूटी लगवा लेते हैं। इसी के चलते गोंडा, बहराइच, बलरामपुर सहित कई रूटों पर कंडक्टर्स का टोटा हो गया है।

कोट

प्रदेश भर के सभी क्षेत्रों के आरएम को लिखा गया है कि वे कंडक्टर्स को बसों में ड्यूटी के लिए भेंजे। उनसे कोई अन्य कार्य ना लिया जाए। कंडक्टर्स के अभाव में बसें नहीं खड़ी होनी चाहिए।

राजेश वर्मा

मुख्य प्रधान प्रबंधक संचालन

परिवहन निगम

Posted By: Inextlive