-उप्र आफ्थ्लैमिक सोसायटी की कांफ्रेंस का हुआ समापन

-नामचीन डॉक्टर्स ने आंखों के इलाज के तरीकों की दी जानकारी

ALLAHABAD: बच्चों में स्कि्वंट यानी आंखों के तिरछापन की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। आज भी ग्रामीण इलाकों में लोग इसे सौभाग्यशाली होने का सूचक मानते हैं, लेकिन सच्चाई कुछ और है। अगर समय रहते इस बीमारी का इलाज नहीं कराया तो आगे चलकर दिक्कतें पेश आ सकती हैं। नई दिल्ली गुरुनानक नेत्र चिकित्सालय के निदेशक डॉ। कमलेश ने उप्र आफ्थ्लैमिक सोसायटी की कांफ्रेंस के समापन अवसर पर यह बात कही। उन्होंने स्कि्वंट की सर्जरी के बारे में जानकारी दी।

शेयर किए अनुभव

कांफ्रेंस के अंतिम दिन देशभर से आए डॉक्टर्स से अपने अनुभव शेयर किए। जिनमें बीमारियों के इलाज और सर्जरी की आधुनिक विधियां शामिल रहीं। कांफ्रेस में डॉ। सुभाष डडेया ने भी आंखों की बीमारियों के बारे में बताया। इसके अलावा मदुरई, नई दिल्ली, अलीगढ़, लखनऊ से आए डॉक्टर्स ने भी अपनी बात रखी। इसी कड़ी में डॉ। मलय चतुर्वेदी, डॉ। विनोद बियला, डॉ। नाहिद अब्दुल वारिश आदि ने वैज्ञानिक सेशन में हिस्सा लिया। वैज्ञानिक सेशन के दौरान फ्री पेपर प्रस्तुत किए और विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। डॉ। कमलजीत सिंह वैज्ञानिक सेशन के चेयरमैन थे। प्रो। आरएन मिश्रा, डॉ। विपिन बिहारी और एमपी टंडन ने भी सेशन में अपनी बात रखी। कांफ्रेंस के सफल आयोजन के लिए प्रो। मयंक श्रीवास्तव, डॉ आनदं शुक्ला, डॉॅ। बीके सिंह, डॉ। अपराजिता चौधरी, डॉ। संतोष कुमार, डॉ। क्षमा द्विवेदी और डॉ। जागृति राना की तारीफ की गई।

Posted By: Inextlive