भारतीय संसद ने बुधवार को सांसदों का नया रूप देखा. संसद में सालों से चली आ रही रूलिंग और अपोजिशन पार्टियों की नोंक-झोंक का दूसरा पहलू भी देखने को मिला. आइये जानें क्‍या हुआ....


एक्टिंग पर टिप्पणी नहीं


आमतौर पर संसद में रूलिंग और अपोजिशन पार्टियां तीखी तकरार के लिये जानी जाती हैं, लेकिन बुधवार को लोकसभा का नजारा इसके उलट था. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद की टिप्पणी करने पर कांग्रेस की महिला सांसद स्मृति के साथ खड़ी दिखाई दी. तृणमूल सांसद सुल्तान अहमद ने मानव संसाधन द्वारा संचालित मिड-डे मील पर एक सवाल के दौरान कहा कि स्मृति टीवी सीरियल 'सास भी कभी बहू थी' में एक आदर्श बहू का किरदार निभाने के कारण देश के हर घर में पहचानी जाती हैं. ऐसे में एक मंत्री के तौर पर हमें उनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है. इस पर कांग्रेस सांसद रंजीता रंजन और सुष्मिता देव ने इसका विरोध करते हुये कहा कि तृणमूल सांसद को मंत्री के अभिनय पेशे पर टिप्पणी करने की कोई जरूरत नहीं है. बढ़ते विरोध को देख सुल्तान अहमद कां अपना बयान वापस लेना पड़ा. सुष्मिता देव ने कहा कि एक महिला के तौर पर उन्हें स्मृति की उपलब्धियों पर गर्व है. स्मृति ईरानी ने बाद में सांसदों का धन्यवाद दिया. यौन उत्पीड़न की शिकायत

मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपेन स्कूलिंग (एनआइओएस) के चेयरमैन के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत मिली है. ईरानी ने लोकसभा में बुधवार को यह जानकारी दी. संगठन के पूर्व संयुक्त निदेशक द्वारा एनआइओएस चेयरमैन के खिलाफ की गई शिकायत की जांच मंत्रालय का शिकायत प्रकोष्ठ कर रहा है.  

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari