पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पार्थिव शरीर को बृहस्पतिवार की शाम उनके निवास पर श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा। कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी वहां पहुंचे उन्होंने अटल जी को घुटनों के बल झुक कर श्रद्धांजलि दी। एेसा करने के पीछे एक खास वजह थी।


नई दिल्ली/ग्वालियर (एजेंसियां)। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ग्वालियर में ही पैदा हुए थे। ज्योतिरादित्य भी यहीं से आते हैं। उनकी दादी विजयाराजे सिंधिया बीजेपी की सीनियर लीडर थीं। उनके पिता माधवराव सिंधिया ने अटल जी को हराया था। इसके अलावा अटल जी को हिंदू राष्ट्रवाद का उदार चेहरा माना जाता था। यही वजह थी कि राजनीतिक विरोधी भी उनका आदर करते थे और जब केंद्र में सरकार बनाने के लिए बीजेपी के नेतृत्व में कई पार्टियों को मिला कर एनडीए का गठन हुआ तो अटल बिहारी वाजपेयी को ही सर्वमान्य नेता चुना गया।1971 में अपने जन्म स्थान ग्वालियर से लड़ा चुनाव


पूर्व प्रधानमंत्री और भारतरत्न से सम्मानित अटल बिहारी वाजपेयी ने लोकसभा में दो बार मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया था। पहले उन्होंने 1971 में अपने जन्म स्थान ग्वालियर और फिर 1991 में विदिशा से चुनाव लड़ा था। इन दोनों चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की थी। हालांकि, 1984 में ग्वालियर लोकसभा सीट पर हार का सामना करने के बाद 1991 में अटल जी ने ग्वालियर की बजाए लखनऊ से चुनाव लड़ने का फैसला किया। इस लोकसभा चुनाव में उन्होंने लखनऊ और विदिशा दोनों ही जगहों पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।

ग्वालियर के स्कूल से पढ़े थे अटल बिहारी वाजपेयी

बता दें कि गुरुवार को करीब शाम पांच बजे दिल्ली के एम्स अस्पताल में बीमारी के कारण भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। अनुभवी पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ केशव पांडे ने बताया कि वाजपेयी के पिता कृष्णा बिहारी वाजपेयी ग्वालियर के गोरखी स्कूल में एक शिक्षक के रूप में काम करते थे। उन्होंने बताया कि वाजपेयी ने भी अपनी शुरुआती पढ़ाई गोरखी स्कूल से ही की थी, इसके बाद ग्रेजुएशन उन्होंने विक्टोरिया कॉलेज (अब महारानी लक्ष्मी बाई कॉलेज) से किया। बता दें कि वाजपेयी ने जनसंघ उम्मीदवार के रूप में 1971 में ग्वालियर लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी। 1984 में कांग्रेस के माधवराव सिंधिया ने अटल जी को ग्वालियर से हराया था।

Posted By: Satyendra Kumar Singh