- कांग्रेस में फिर सामने आया विद्रोह, अपनी गाड़ी की मैट लेकर जमीन पर बैठे हरीश रावत

- मंच पर स्थान न मिलने से नाराज होकर हरीश रावत बीच में ही धरनास्थल से हो गए रवाना

DEHRADUN: प्रदेश कांग्रेस में नेताओं के बीच विद्रोह कम होने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार पार्टी के सीनियर लीडर्स के बीच टकराव नजर आ रहा है। मंडे को कांग्रेस पार्टी में कुछ ऐसा ही नजर आया। पार्टी नेतृत्व के आह्वान पर कांग्रेस ने केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया था। गांधी पार्क के सामने पार्टी नेता सरकार के खिलाफ भाषण दे रहे थे। कार्यक्रम के अनुसार पूर्व सीएम व पार्टी के सीनियर लीडर हरीश रावत भी गांधी पार्क पहुंचे। लेकिन न तो मंच पर उन्हें स्थान मिल पाया और न ही बैठने की जगह। मजबूर होकर वे अपनी कार से मैट लेकर आए और धरना स्थल पर जमीन पर बैठ गए। मंच पर स्थान न मिलने के कारण आखिरकार वे नाराज होकर अपनी कार से वहां से रवाना हो गए। उनकी नाराजगी को देखते हुए प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह उन्हें मनाने के लिए सड़क पर उनकी कार का इंतजार करते रहे। लेकिन वे नजर नहीं आए।

राज्यभर के नेता जुटे थे कार्यक्रम में

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रदेश कांग्रेस ने बढ़ती मंहगाई, राफेल लड़ाकू विमानों की डील में घोटाला, पंचायती राज एक्ट संशोधन विधेयक, जिला विकास प्राधिकरणों के गठन, राजधानी गैरसैंण में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा जमीनों की खरीद-फरोख्त पर लगाई गई रोक हटाने जैसे कई मुद्दों पर केंद्र व राज्य सरकारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया था। जिसके तहत सुबह कांग्रेस के कार्यकर्ता कांग्रेस भवन से विरोध प्रदर्शन करने के उपरांत गांधी पार्क में धरने में बैठे। जहां कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह सहित नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश सहित कई नेताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर अपने संबोधन में बयानबाजियां की और राज्यपाल के नाम ज्ञापन प्रेषित किया। लेकिन इसी बीच पूर्व सीएम व कांग्रेस के सीनियर लीडर हरीश रावत भी पहुंचे। गांधी पार्क में अपनी कार से पहुंचे पूर्व सीएम हरीश रावत को बैठने तक के लिए मंच पर स्थान नहीं मिल पाया। यहां तक कि किसी भी कार्यकर्ता न उन्हें बैठने तक के लिए नहीं कहा। हरीश रावत इसके बाद अपनी गाड़ी से मैट लेकर आए और जमीन पर ही धरना स्थल पर बैठ गए।

हरीश रावत के समर्थक हो उठे आग बबूला

काफी देर तक जब उन्हें तवज्जो नहीं मिली तो वे अपनी कार में बैठकर वापस जाने लगे। इसी बीच उनके समर्थकों ने हो-हल्ला मचाना शुरू कर दिया। इस दौरान हरीश रावत के समर्थकों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने और अपनी गाड़ी में बैठकर धरना स्थल से रवाना हो गए। जब प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को जानकारी मिली तो वे गांधी पार्क की दूसरी ओर सड़क पर हरीश रावत की कार का इंतजार उनको मनाने के लिए करने लगे। लेकिन हरीश रावत वहां से नहीं पहुंचे। बताया जा रहा है कि वे चकराता रोड से निकल गए। इधर, हरीश रावत के समर्थकों ने धरना स्थल पर ही हो-हल्ला मचा दिया। उनके समर्थकों ने तो कह दिया कि हरीश रावत को प्लानिंग के तहत मंच पर जगह नहीं दी गई। हरीश रावत के समर्थकों ने तो चिल्ला-चिल्लाकर प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना की ओर इशारा करते हुए कह डाला आंदोलनकारी विरोधी के हाथ में कांग्रेस की बागडोर होगी तो कांग्रेस का कभी भी भला नहीं हो सकता है। कुछ हरीश रावत समर्थकों ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह व नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के इशारे पर यह सब कुछ हुआ। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व हरीश रावत के करीबी जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि जब पार्टी संकट से गुजर रही हो, ऐसे वरिष्ठ नेताओं का अपमान होगा तो पार्टी के आम कार्यकर्ताओं के बीच क्या संदेश जाएगा। कांग्रेस के सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के अलावा नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, विधायक ममता राकेश, फुरकान अहमद, आदेश सिंह चौहान, पूर्व सांसद महेन्द्र सिंह पाल, पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, मंत्री प्रसाद नैथानी, मातवर सिंह कण्डारी, शूरवीर सिह सजवाण, पूर्व विधायक गणेश गोदियाल, राजकुमार, तस्लीम अहमद, अंबरीश कुमार, प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट, मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी आदि सीनियर लीडर व कार्यकर्ता शामिल रहे।

Posted By: Inextlive