Meerut। मेरठ में स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू होने वाला है। सर्वे में ऐप डाउनलोड कराने के भी नंबर जुड़ेंगे, लेकिन निगम के अधिकारियों की लापरवाही के कारण स्वच्छता ऐप डाउनलोड कराने में फिसड्डी साबित हो रहा है। जिससे अब सवाल उठ रहे हैं।

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स्वच्छता ऐप डाउनलोड के मामले में नगर निगम के पिछड़ने का सबसे बड़ा कारण निगम की ही लापरवाही है। सरकार तो सफाई के लिए करोड़ों रूपये खर्च कर रही है लेकिन निगम के अधिकारी ही स्वच्छता ते मामले पर कुछ करना नहीं चाहते।

विवेक गौड़

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शहर में सफाई के दावे तो किए जाते हैं लेकिन हकीकत में दावे बेमानी नजर आते हैं। हालत यह है कि निगम के अधिकारी स्वच्छता ऐप डाउनलोड कराने में भी पीछे है। इससे उनकी सजगता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

तान्या शर्मा

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जमीन पर जाएं, लोगों से उनकी परेशानी पूछें तब तो कुछ बात बने। मेरा शहर मेरी पहल जैसी संस्था को अगर ब्रांड एंबेस्डर बनाया गया होता तो स्वच्छता ऐप से शहर का हर व्यक्ति जुड़ा हुआ होता।

संतोष सरोकारी

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क्या फायदा इस ऐप को डाउनलोड करके होना तो कुछ तब भी नहीं है। मैंने भी शिकायत की थी पर आज तक सुनवाई नहीं हुई। नगर निगम के अधिकारी बातें तो बड़ी-बड़ी करते हैं लेकिन धरातल पर कुछ दिखाई ही नहीं देता।

शानू सैफी

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जिन्होंने स्वच्छता ऐप डाउनलोड किया है। उन्हें भी इस बाबत कोई फायदा नहीं मिल रहा है। आम लोग शिकायत तो दर्ज कराते हैं लेकिन उसमें कोई सुधार देखने को नहीं मिलता है। जिससे लोग परेशान रहते है। इसके लिए निगम के अधिकारी जिम्मेदार हैं।

गुल्लू

Posted By: Inextlive