टारगेट खात्मे का, टीबी बेलगाम
2025 तक बीमारी को जड़ से मिटाने का टारगेट, प्रयागराज में पिछले एक साल में बढ़ गए 1255 टीबी पेशेंट्स
अवेयरनेस की कमी से पिछले दो साल से लगातार बढ़ रहा है जिले में मरीजों का ग्राफ बेहद खतरनाक हैं आंकड़े 05 फीसदी है प्रयागराज में टीबी से होने वाली मौतों का आंकड़ा 58 लाख लोग यूपी में टीबी से होते हैं मौत का शिकार 500 रुपए प्रति माह दिए जाते हैं टीबी के रजिस्टर्ड पेशेंट्स को सरकार की तरफ से 3.4 मिलियन लोग टीबी के उपचार से छूट जाते हैं prakashmani.tripathi@inext.co.inPRAYAGRAJ: एक तरफ टीबी को 2025 तक खत्म कर देने का टारगेट है. लेकिन प्रयागराज में आलम यह है कि यहां टीबी के मरीज घटने के बजाए बढ़ते ही जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में यहां 1255 पेशेंट्स बढ़ गए. सिर्फ इतना ही नहीं, 2019 में मार्च माह तक 1996 नए टीबी पेशेंट्स डायग्नोस हुए हैं.
तीन माह में 1996 नए पेशेंटप्रयागराज में टीबी जैसी बीमारी की गिरफ्त में आ रहे पेशेंट्स की संख्या पर नजर डालें तो 2019 में महज तीन माह में जो आंकड़े सामने आए हैं वे चौंकाने वाले हैं. डीटीओ डॉ. सीपी वर्मा ने बताया कि जनवरी से मार्च तक कुल 1996 नए मरीज रजिस्टर्ड हुए हैं. इसमें 155 मरीज एमडीआर व एक्सडीआर के हैं. यह आलम तब है जबकि सरकार की तरफ से टीबी को लेकर लगातार अवेयरनेस प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं.
प्रयागराज में यह है हाल साल टीबी पेशेंट्स 2017 8778 2018 10330 2019 1996 (मार्च तक) ------ ताकि पूरी तरह खत्म हो टीबी वर्ल्ड टीबी डे के मौके पर इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन की ओर से संगोष्ठी का आयोजन हुआ. अध्यक्षता एएमए के अध्यक्ष डॉ. आरकेएस चौहान ने किया. संगोष्ठी के दौरान आईएमए यूपी अध्यक्ष डॉ. अशोक राय व टीबी चेस्ट विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष गुप्ता ने अपना व्याख्यान दिया. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक राय ने बताया कि यूपी से टीबी को समूल नष्ट करने के लिए प्रयास किया जा रहा है. यहां सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश 58 लाख आसाम 43 लाख गुजरात 42 लाख राजस्थान 41 लाख यहां सबसे कम केरल 8 लाख गोवा 11 लाख केरल 16 लाख पेशेंट्स को कराएं रजिस्टर्डसरकार की ओर से टीबी पेशेंट्स के लिए निक्षय ऐप बनाया गया है. यहां मरीज रजिस्ट्रेशन कराकर टीबी मरीजों के लिए दी जा रही सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं. टीबी मरीजों को बेहतर न्यूट्रीशन देने के लिए सरकार की ओर से 500 रुपए प्रति माह दिए जाते हैं.
यह हैं लक्षण -भूख न लगना, कम लगना तथा वजन अचानक कम हो जाना. -बेचैनी और सुस्ती छाई रहना, सीने में दर्द का एहसास होना, थकावट रहना व रात में पसीना आना. -हलका बुखार रहना, हरारत रहना. -खांसी आती रहना, खांसी में बलगम आना तथा बलगम में खून आना. कभी-कभी जोर से अचानक खांसी में खून आ जाना. -गहरी सांस लेने में सीने में दर्द होना, कमर की हड्डी पर सूजन, घुटने में दर्द, घुटने मोड़ने में परेशानी आदि.