इस अस्‍पताल में जब ऐसा होगा तो मरीजों की जान-माल का नुकसान होना लाजिमी है. मरीजों की मौत पर हंगामा भी यहां आम है. इसके बावजूद लोग यहां ट्रीटमेंट के लिए जाते हैं. पढि़ए एक रिपोर्ट...


मरीजों की सर्जरी करता है यह कुकसरकारी अस्पतालों में लापरवाही की पराकाष्ठा पार करते हुए चिकित्सकों ने एक रसोइये को ऑपरेशन सहायक के रूप में काम पर रखा हुआ है. झारखंड के हजारीबाग जिले के सदर अस्पताल में सब्जी काटने वाला रसोइया राजेंद्र प्रसाद मरीजों की सर्जरी में सहयोग करता है.  रजिस्ट्रेशन के काम में भी कुक को लगायाबात यहीं खत्म नहीं होती इसी अस्पताल के सहायक रसोइया नरेश दास को डीएस कार्यालय के सांख्यिकी विभाग में सन 2008 से जन्म-मृत्यु निबंधन कार्य में लगाया गया है. जबकि एक अन्य सहायक रसोइया मुरारी प्रसाद वर्ष 2005 से ओपीडी में ड्यूटी दे रहे हैं. ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीजों को खाना कैसे मिलता होगा. इससे भी भयानक स्थिति यह है कि रसोइये के अप्रशिक्षित हाथों से मरीज के अंगों पर नश्तर चलते समय किसी हादसे का होना लाजिमी है.
मरीज की मौत पर हंगामा होना आमयहां आए दिन किसी मरीज की मौत पर हंगामा होना आम बात है. जिसमें कर्मचारियों व चिकित्सकों की लापरवाही उजागर होती है. इससे बेफिक्र सदर अस्पताल के सीएस विनय कुमार का कहना है कि रसोइया के पास कोई डिग्री नहीं है. वह ऑपरेशन कार्य में सहयोग करता था. इसी आधार पर उसे रखा गया है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh