यूसीसी के बाद एक और कोऑपरेटिव बैंक पर लगे प्रतिबंध
- आरबीआई की समीक्षा बैठक में अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों के प्रदर्शन के आधार पर मिली रेटिंग
- खराब प्रदर्शन करने वाले सिटी के एक को-ऑपरेटिव बैंक को मिली डी रेटिंग, लगे कई प्रतिबंध - तीन बैंकों के संचालन में मिली कई खामियां - स्टेट के 121 को-ऑपरेटिव बैंकों में से 21 को मिली रैकिंग KANPUR : यूसीसी बैंक पर प्रतिबंध के बाद आरबीआई ने सिटी के एक और को-ऑपरेटिव बैंक पर खराब रेटिंग आने की वजह से कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। आरबीआई लखनऊ में अर्बन टॉस्क फोर्स ऑफ को-ऑपरेटिव की सालाना समीक्षा बैठक के बाद स्टेट के तीन को- ऑपरेटिव बैंकों को डी रेटिंग दी गई हैं, जिसमें सिटी का यूनाइटेड मर्केन्टाइल को-ऑपरेटिव बैंक भी शामिल है। क्या खामियां मिली इन बैंकों में -इनकम रिकोग्निशन एस्स्ेाट्स क्लासीफिकेशन और रिजर्व एगेंस्ट क्रेडिट नॉर्मस को फालो नहीं किया -हाउसिंग सेक्टर में लिमिट से ज्यादा लोन दिया-बैंक की बुक वैल्यू निल पाई गई
-सेंविग अकाउंट्स का ब्याज मनमर्जी से दिया -अन सिक्योर्ड लोन की रिकवरी में आईबीआई की गाइडलाइंस को फालो नहीं किया -नान परर्फामिंग एस्सेट्स लिमिट से तीन गुना तक बढी कैसे दी गई रेटिंग A - मानकों पर बैंक का काम 75 फीसदी तक सही B - 60 फीसदी तक सहीC - 60 से 50 फीसदी तक
D - 50 से भी कम सिटी के किन बैकों को मिली खराब रेटिंग - यूनाईटेड मर्केन्टाइल को-ऑपरेटिव बैंक को D रेटिंग -पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक को C रेटिंग किस तरह के प्रतिबंध लगे को-ऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट और बैकिंग रेग्युलेशन एक्ट के तहत डी रेटिंग वाले बैंकों को कई प्रकार के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा। यह प्रतिबंध इस प्रकार हैं -नई शाखाएं खोलने पर रोक,नया स्टॉफ बढ़ाने पर रोक - डिपॉजिट और लोन बढ़ाने पर रोक -शेयर डिविडेंट पर रोक, एफडी पर रोक - हाउसिंग लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन पर रोक कौन-कौन से सहकारी बैंक हैं सिटी में -ब्रम्हावर्त कामर्शियल को ऑपरेटिव बैंक -डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव बैंक -ओंकार नगरीय को-ऑपरेटिव बैंक -यूनाईटेड मर्केन्टाइल को-ऑपरेटिव बैंक -आरबीआई इंम्लाई को-ऑपरेटिव क्रेडिट लिमिटेड - ओईएफ प्रारंभिक सहकारी बैंक -जिला सहकारी बैंक -पीपुल्स को-आपरेटिव बैंक फैक्ट फाइल कितने को-ऑपरेटिव बैंक हैं स्टेट में- क्ख्क् ग्राहकों की संख्या- फ् लाख ग्राहकों का कितना रुपया रखा है- क्भ्00 करोड़ क्यों पिछड़ रहे हैं को-ऑपरेटिव बैंकस - मॉर्डनाइजेशन नहीं होने से - कम शाखाएं होने के कारण-सीमित बैकिंग सुविधाएं
-एटीएम और नेट बैकिंग का अभाव कोट- को-आपरेटिव बैंकों के प्रदर्शन को लेकर आरबीआई लखनऊ में मीटिंग हुई थी। कुछ बैंकों को डी रेटिंग भी दी गई है। संजय जैन, पीआरओ आरबीआई कानपुर>