- 13 साल से रिवाइज नहीं हो सका हाउस टैक्स

- 2 साल पहले बोर्ड बैठक में प्रस्ताव किया गया था पारित

- 2004 में नगर निगम में लागू हुई थी स्वकर प्रणाली

- 26 करोड़ रुपये की हाउस टैक्स से होती है नगर निगम को आय

- 40 करोड़ के पार पहुंच सकती है निगम की सालाना आय

आई एक्सक्लूसिव

मेरठ। नगर निगम में 13 साल से हाउस टैक्स का रिवीजन नहीं हुआ है। जिसके कारण निगम को हर साल 15 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो रहा है। यदि नगर निगम को 195 करोड़ मिल जाएं तो शहर के विकास को गति मिल सकती है। बावजूद इसके, नगर निगम रेट को रिवाइज करने को तैयार नहीं है।

दो साल पहले

दो साल नगर निगम की बोर्ड बैठक में हाउस टैक्स को रिवाइज करने को लेकर प्रस्ताव पारित हुआ था, लेकिन अभी तक उस प्रस्ताव पर कोई अमल नहीं हुआ है। नियमों के मुताबिक हर दो साल में हाउस टैक्स रिवाइज हो जाना चाहिए। लेकिन नगर निगम में 13 साल से हाउस टैक्स रिवाइज ही नहीं हुआ है।

स्वकर प्रणाली भी नहीं

2004 में नगर निगम में स्वकर प्रणाली लागू हुई थी। पर वह कागजों में ही रह गई। स्वकर प्रणाली के अनुसार टैक्स देने वाला अपने घर का कवर्ड एरिया भरकर अपना कर स्वयं लगवा सकता है। जितना वह भरेगा उसी हिसाब से हाउस टैक्स लगकर आएगा।

आमदनी बढ़ जाएगी

यदि नगर निगम द्वारा हाउस टैक्स रिवाइज कर दिया जाए या फिर स्वकर प्रणाली लागू हो जाए तो निगम की आय 15 करोड़ रुपये से अधिक बढ़ जाएगी। अभी तक नगर निगम को हर साल हाउस टैक्स से 26 करोड़ रुपये की आय होती है। यह प्रणाली लागू हो जाए तो निगम की यही आय 40 करोड़ के पार पहुंच जाएगी।

13 साल से नहीं हुआ सर्वे

टैक्स रिवाइज और स्वकर प्रणाली की बात तो छोडि़ए नगर निम में 13 साल से सर्वे भी नहीं हुआ, जितने घरों से 13 साल पहले टैक्स लिया जाता था। उन्हीं घरों से आज भी टैक्स लिया जाता है। जबकि शहर में घरों की संख्या काफी तादात में बढ़ गई है। लोगों ने अपने आप अपने घर का हाउस टैक्स लगवा लिया वहीं संख्या केवल बढ़ी है।

वर्जन

हाउस टैक्स रिवाइज करने और स्वकर प्रणाली को बढ़ाने के लिए कई बार अवगत करा चुके हैं। यदि हाउस टैक्स रिवाइज हो जाए तो निगम की आय में वृद्धि हो जाएगी।

असीम रंजन, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी

Posted By: Inextlive