देहरादून

उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के निलंबित कुलसचिव डॉ मृत्युंजय कुमार मिश्रा को जीवन निर्वाह भत्ता नहीं दिए जाने के मामले में शासन ने विश्वविद्यालय के कुलपति से जवाब मांगा है।

शासन ने दिया था आदेश

निलंबित कुलपति मृत्युंजय कुमार मिश्रा इस वक्त विजिलेंस जांच का सामना कर रहे हैं। उन्होंने बीती 27 जनवरी को शासन को पत्र लिखकर जीवन निर्वाह भत्ता देने की गुहार लगाई थी। शासन ने मिश्रा के पत्र पर सख्त रुख अपनाते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति का जवाब तलब किया है। आयुष व आयुष शिक्षा सचिव आरके सुधांशु ने कुलपति को भेजे पत्र में डॉ मिश्रा को निलंबन अवधि में जीवन निर्वाह भत्ता दिए जाने के बीती 27 अक्टूबर को दिए गए निर्देशों पर अब तक की गई कार्यवाही का ब्योरा तलब किया गया है। शासन ने एक अगस्त, 2018 को एक अन्य आदेश जारी कर डॉ मिश्रा को शासन में संबद्ध होने के मद्देनजर उनका वेतन विश्वविद्यालय में ही सीधी भर्ती के प्रोफेसर के किसी एक रिक्त पद के सापेक्ष आहरित किए जाने के निर्देश दिए थे। शासन के उक्त आदेश के अनुपालन के संबंध में विश्वविद्यालय से की गई कार्यवाही से अवगत कराने के आदेश भी दिए गए हैं।

Posted By: Inextlive