कोर्ट ने सुनवाई के बाद मंजूर की जमानत

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PRAYAGRAJ: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर सोमवार को तीन घंटे तक प्रयागराज में न्यायिक हिरासत में रहे। स्पेशल कोर्ट में उनके केस की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी अधिवक्ता के रूप में साथ मौजूद रहे। कोर्ट ने मुकदमें में दोनों पक्षों के तर्को को सुनने के बाद श्री बब्बर को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। इसके बाद उन्हें कोर्ट से बाहर जाने की इजाजत मिली।

1994 में दर्ज हुआ था मुकदमा

1994 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्व सांसद राजबब्बर के खिलाफ वाद दायर किया गया था। 22 वर्षो से चल रहे इस मुकदमें में मंगलवार को एमपी एमएलए कोर्ट में राजबब्बर ने सरेंडर किया। उन्होंने जमानत पर छोड़े जाने की याचना विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी से किया। पूर्व में कोर्ट की तरफ से गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। घटना थाना बजीरगंज लखनऊ में दो मई 96 को मतदान अधिकारी कृष्ण सिंह ने दर्ज कराया था। आरोप था कि राज बब्बर व अरविंद यादव अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर मतदान स्थल पर जमकर बवाल काटा तथा शिव कुमार सिंह पोलिंग एजेंट को घेर कर लात घुसों से पीटा और चिल्लाते रहें कि फर्जी मतदान कराया जा रहा है। कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता एपीओ राधाकृष्ण, गुलाब चन्द्र अग्रहरि, राजेश गुप्ता ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता शीतला प्रसाद मिश्र के तर्क को सुनने के बाद 20-20 हजार रुपए की जमानत व इतनी ही धनराशि के मुचलका पेश करने पर रिहा किए जाने का आदेश दिया।

जिला जज ने किया निरीक्षण

राजबब्बर के कोर्ट में पहुंचने की सूचना पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। भीड़ अनियंत्रित होता देख विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने इसकी सूचना जिला जज एके ओझा को दी और बताया कि भीड़ अनियंत्रित हो रही है। इस पर जिला जज खुद वहां पहुंचे और भीड़ देखकर मामले को शीघ्र निस्तारित करने का निर्देश दिया। इसके बाद विशेष न्यायाधीश ने दिन में 1.35 बजे पत्रावली देखने के बाद केस निस्तारित कर दिया।

कटघरे में खड़े होकर बताया नाम

विशेष कोर्ट में पहुंचने के बाद अंदर बने कटघरे में राजबब्बर ने अपना नाम बताया, और यह भी कहा कि साहब सरेंडर कर रहा हूं। जानबूझकर कोर्ट में हाजिर होने में कोई त्रुटि नहीं किया। कोई सम्मन नहीं मिला था। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व बालीवुड के अभिनेता राजबब्बर की पेशी के दौरान बाहर लोगों की भीड़ भी जुटी थी। उनसे मिलने और उनकी एक झलक पाने के लिए लोग उतावले रहे। कार्यकर्ता और आम पब्लिक के साथ अधिवक्ता भी उनके साथ सेल्फी लेने को उतावले दिखे।

Posted By: Inextlive