Jamshedpur: भले ही मंदी के दौर के कारण परेशानी बढ़ी हो लेकिन बेहतर कोर्स के बाद जॉब ऑप्शन हमेशा ही खुले रहते हैं. इसी तरह का एक कोर्स है कॉस्ट अकाउंट का.

 25 June को होगा foundation course exam
कॉस्ट अकाउंटेंट बनने के लिए नेक्स्ट मंथ एग्जाम होने हैं। इसके लिए स्टूडेंट्स ने कोचिंग के साथ ही अपने लेवल पर भी प्रिपरेशन स्टार्ट कर दिया है, ताकि एग्जाम में सक्सेस हो सकें। इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के फाउंडेशन, इंटरमीडियट व फाइनल कोर्स का एग्जाम नेक्स्ट मंथ होगा। ग्र्रेजुएशन एग्जाम के बाद अब स्टूडेंट्स इसकी तैयारी में लग गए हैं। इसके तहत 23 जून को फाउंडेशन कोर्स व 11 व 18 जून तक इंटरमीडियट व फाइनल एग्जाम होंगे। जानकारी के मुताबिक लास्ट इयर पूरी कंट्री से लगभग 40 हजार स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया था। एक्सपट्र्स के मुताबिक सीए व सीएस के साथ ही कॉस्ट अकाउंटेंसी में भी ऑपरचूनिटी बढ़ रही हैैं इस कारण इनमें स्टूडेंट्स की संख्या भी बढ़ी है।

Companies को देना होगा cost audit report
आज के समय में कॉस्ट अकाउंटेंट काफी जरूरी हो गए हैं। कंपनियों में भी इनकी डिमांड काफी बढ़ गई है। कॉस्ट अकाउंटेट बनने के बाद शुरूआती पैकेज सालाना 5 से 6 लाख रुपए का पैकेज आसानी से मिल जाता है। लास्ट इयर गवर्नमेंट द्वारा कॉस्ट अकाउंटेंसी के रुल में चेंजेज किए गए थे और इसके तहत 100 करोड़ रुपए से ज्यादा के टर्नओवर वाली कंपनीज के लिए एनुएल कॉस्ट ऑडिट रिपोर्ट देना कम्पलसरी कर दिया गया है।
इसके बाद अब इसमें कैरियर स्कोप ज्यादा बढ़ गया है।

Qualify करने के लिए 40 percent marks है जरूरी
फाउंडेशन एग्जाम में ऑर्गेनाइजेशन एंड मैनेजमेंट फंडामेंटल, अकाउंटिंग, इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस फंडामेंटल व बिजनेस मैथेमेक्टिस एंड स्टेटिस्टिक्स फंडामेंटल सब्जेक्ट होते हैं। एग्जाम में क्वालीफाई करने के लिए सभी पेपर में 40 परसेंट व टोटल 50 परसेंट माक्र्स कम्पलसरी है। जानकार कहते हैैं कि आईसीएआई में एडमिशन लेने के लिए 12वीं के बेसिक कांसेप्ट्स क्लीयर होने जरूरी हैं।

Commerce में बढ़ रहा students का interest
वैसे तो कॉस्ट अकाउंटेंसी में कॉमर्स के स्टूडेंट के लिए ज्यादा स्कोप होता है, लेकिन साइंस व दूसरे सब्जेक्ट के स्टूडेंट्स भी कोर्स कर सकते हैं। इस क्षेत्र में स्कोप खुलने के बाद अब कॉलेजेज में कॉमर्स कोर्स में ज्यादा एडमिशन हो रहे हैं। सिटी के कॉलेजेज में देखा जाए तो साइंस व आट्र्स से ज्यादा स्टूडेंट्स कॉमर्स में एडमिशन ले रहे हैैं और इस कारण कॉलेजेज में सीट भी ज्यादा हैैं। वीमेंस कॉलेज में 780, को-ऑपरेटिव कॉलेज में 640, ग्र्रेजुएट में 640, वर्कर्स में 740, एबीएम में 640, केसीसी में 640 व एलबीएसएम कॉलेज में 628 सीट्स हैं।

'कोर्स में कॉमर्स स्टूडेंट्स का रुझान ज्यादा है। वैसे साइंस के स्टूडेंट्स में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सिटी से हर साल लगभग 500 स्टूडेंट्स निकलते हैैं और इनमें गल्र्स की संख्या 60 परसेंट तक होती है.'
-अरविन्द जैन, जैन क्लासेज (सीए इंस्टीट्यूट)

Report by: amit.choudhary@inext.co.in

Posted By: Inextlive