1896 में पैदा हुआ था वो भारतीय खिलाड़ी जिसने भारत की तरफ से टेनिस भी खेला और क्रिकेट मैच।


दो इंटरनेशनल गेम्स खेलने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ीकानपुर। 16 जून 1896 को मद्रास (अब चेन्नई) में जन्में कोटा रामास्वामी भारत की तरफ से दो इंटरनेशनल गेम्स खेलने वाले एमजे गोपालन के बाद दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं। रामास्वामी ने बतौर टेनिस प्लेयर अपने करियर की शुरुआत की थी। मगर 40 की उम्र तक आते-आते उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम में जगह मिल गई। रामास्वामी ने 40 साल 37 दिन में पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। एक टेनिस प्लेयर को क्रिकेट टीम में जगह कैसे मिली, इस बात का खुलासा खुद रामास्वामी ने अपनी आत्मकथा 'Ramblings of a Games Addict' में किया है। वह लिखते हैं कि, उन्हें टीम में क्रिकेट की बजाए भारी-भरकम शरीर और डील-डौल के चलते चुना गया था। हालांकि उन्होंने पहले ही मैच में शानदार प्रदर्शन कर अपनी क्रिकेटिंग स्किल का परिचय भी दे दिया था।पढ़ाई के बाद शुरु हुआ टेनिस का सफर
रामास्वामी इंग्लैंड की कैंब्रिज यूनीवर्सिटी में पढ़ाई करने के बाद भारत वापस आ गए। यहां उन्होंने टेनिस खेलना शुरु कर दिया। ईएसपीएन क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, रामास्वामी ने 1922 में डेविस कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। वह मेंस डबल्स में खेला करते थे और उनके पार्टनर थे एएस फैजी। फर्स्ट राउंड में फैजी और स्वामी की जोड़ी ने रोमानिया को हरा दिया मगर बाद में स्पेन से हार गए। यही नहीं इस साल विंबल्डन में भी स्वामी और फैजी की जोड़ी सेकेंड राउंड तक पहुंची। सिंगल्स की बात करें तो साउथ ऑफ इंग्लैंड चैंपियनशिप के फाइनल में गोर्डोन को हराकर रामास्वामी ने ये खिताब अपने नाम किया।भारत की तरफ से खेले दो टेस्ट मैच1936 में भारतीय क्रिकेट टीम को इंग्लैंड टूर पर जाना था। भारत की प्लेइंग इलेवन में रामास्वामी का भी नाम था। उस वक्त सबको काफी हैरानी हुई थी कि एक टेनिस प्लेयर क्रिकेट टीम में कैसे आ गया। मगर पहले मैच में 100 रन बनाकर उन्होंने अपनी काबिलियत का परिचय दे दिया। स्वामी का क्रिकेटिंग करियर ज्यादा लंबा नहीं चल सका, उनके नाम सिर्फ दो टेस्ट दर्ज हैं जिसमें 56.66 की औसत से 170 रन दर्ज हैं। इंग्लैंड टूर पर दो टेस्ट खेलने के बाद रामास्वामी को फिर कभी नेशनल टीम में जगह नहीं मिल पाई, हालांकि इस बीच वह फर्स्ट क्लॉस क्रिकेट जरूर खेलते रहे। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 53 प्रथम श्रेणी मैचों में 2400 रन बनाए, जिसमें दो शतक और 12 अर्धशतक शामिल हैं। टीम इंडिया के मैनेजर, फिर रहे सलेक्टर


क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद रामास्वामी ने एडमिनिस्ट्रेशन का कार्यभार संभाला। साल 1953 में जब भारतीय क्रिकेट टीम पहली बार वेस्टइंडीज गई तब रामास्वामी टीम इंडिया के मैनेजर थे। यही नहीं 1960 के आसपास वह भारतीय टीम के नेशनल सलेक्टर भी रहे। साल 1985 में रामास्वामी अचानक एक दिन घर से चले गए और कभी वापस नहीं आए। उनकी मौत कैसे और कब हुई, इसका कोई प्रमाण नहीं मिला।गेंदबाज हो गए थे परेशान, एक के बाद एक 5 बल्लेबाज इस मैच में जड़ गए शतक6 साल से टीम से बाहर यह भारतीय क्रिकेटर घूम रहा 3 करोड़ की कार में

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari