PATNA : शराबबंदी के बाद नशे के लिए लोगों ने तरह-तरह के हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए हैं। शराब के विकल्प के रूप में लोगों ने कफ सिरप को पीने लगे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने सरकारी अस्पतालों में अब कफ सिरप की सप्लाई को बंद करने का आदेश दिया है। जल्द ही अस्पताल की दवाओं की सूची में शामिल कफ सिरप का नाम डिलीट कर दिया जाएगा। सिविल सर्जन समेत सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को भेजे गए निर्देश में कहा गया है कि अस्पताल में मरीजों को चिकित्सक कफ सिरप नहीं लिखेंगे। साथ ही अस्पताल में लगायी गयी दवाओं की सूची से कफ सिरप के नाम को हटाने का भी आदेश दिया गया है। कफ सिरप में अल्कोहल की मात्रा रहने के कारण सरकार ने खरीद और अस्पतालों में आपूर्ति करने पर रोक लगा दी है।

अल्कोहल मुक्त होगा कफ सिरप

सर्दी, खांसी, जुकाम के शिकार मरीजों को सरकारी अस्पतालों में कफ सिरप देने की व्यवस्था थी । सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, ओपीडी में इस दवा की आपूर्ति की जाती थी । सरकार की इस नीतिगत फैसले के कारण सर्दी, खांसी, जुकाम के शिकार मरीजों को नहीं मिलेगा । इसके बदले में कोई वैकल्पिक दवा उपल?ध कराने की भी व्यवस्था नहीं की गई है । ऐसी स्थिति में उन्हें खुले बाजार से ही दवा खरीदने को मजबूर होना पड़ेगा ।

दवा कारोबार को लगेगा झटका

कफ सीरप की सप्लाई पर रोक लगाने के कारण करोड़ों रुपए का कारोबार प्रभावित होगा। बिहार में तीन वर्ष पहले शराब बंदी कानून लागू हुआ था, लेकिन अल्कोहलयुक्त कफ सीरप की सप्लाई पर वर्ष 2019 में रोक लगाने का आदेश दिया गया है। सरकार के इस फैसले से दवा का बाजार दवा कंपनियों के हाथों से निकल जाएगा ।

बाजार से भी हो जाएगा गायब

सरकार ने मेडिकल स्टोर से कफ सीरप की बिक्री बंद करने का आदेश दिया है। कफ सीरप को सरकार ने प्रतिबंधित दवाओं की सूची में शामिल कर दिया है। हालांकि कई कंपनियों ने अल्कोहल मुक्त कफ सीरप की आपूर्ति बाजार में शुरू कर दिया है, लेकिन सरकार ने सरकारी अस्पतालों में अल्कोहल मुक्त कफ सीरप की सप्लाई करने के लिए कोई निर्णय नहीं लिया है।

Posted By: Inextlive