Meerut : इंजीनियरिंग बीबीए बीसीए फैशन डिजाइनिंग होटल मैनेजमेंट एयर होस्टेस मास कम्यूनिकेशन थ्री इयर लॉ. एक समय पर इन कोर्सेज में बूम था जिसको देखते इनके कॉलेज गली-गली खुल गए. लेकिन बदलती इकोनोमी के साथ ही इन सेक्टर्स में जॉब कम हो गई है. अब एक्सपर्ट भी मानते हैं कि आर्डिनरी कॉलेजों से ये कोर्स करने का कोई फायदा नहीं है. इन कोर्सेज में जॉब तो हैं पर सिर्फ बेहतरीन कॉलेजों से पढऩे वालों के लिए.


गवर्नमेंट कॉलेज में ट्राई
अगर आपको ऐसे किसी कोर्स में इंट्रेस्ट है, जिसमें जॉब कम रह गई है। तो देश के टॉप के कॉलेजों में एडमिशन के लिए ट्राइ करें। अगर वहां एडमिशन हो जाता है तो बहुत अच्छा, नहीं तो तमाम एंट्रेंस एग्जामस के थ्रू गर्वमेंट कॉलेजों के लिए ट्राय करें.
रेगुलर कोर्सेज
वहां भी एडमिशन नहीं मिल पाता है तो फिर बी ग्रेड कॉलेजों से कोई प्रोफेशनल कोर्स करने से बेहतर है कि किसी रेगुलर कॉलेज से बीएससी, बीकॉम या बीए कर लें। अब इन कोर्सेज का जमाना वापस आ रहा है। दिल्ली यूनिवर्सिटी हो या मेरठ। इन कोर्सेज में एडमिशन के लिए लंबी लाइन होती हैं।
वोकेशनल कोर्सेज
एक्सपट्र्स का कहना है कि बीएससी और मेरठ से बीटेक करने वाले स्टूडेंटस को कंपनी एक ही जैसे ट्रीट करती हैं। इसलिए बेहतर है कि पांच लाख रुपए इंजीनियरिंग में खर्च न करके सिंपल बीएससी कर ली जाए और साथ में ही किसी मल्टी नेशनल कंपनी के कैरियर डपवलमेंट सेंटर से अपनी इच्छा अनुसार वोकेशनल कोर्स कर लें। आज की डेट में ये जॉब ऑरिएंटेड वोकेशनल कोर्स काफी डिमांड में हैं.
सिविल भी है
मेरठ में रहने वाले ज्यादातर स्टूडेंटस ग्रामीण परिवेश से आते हैं। उन्हें इंटर के बाद का कुछ ज्यादा पता नहीं होता है। ऐसे में बेहतर है कि रेगुलर कोर्स करके साथ में कुछ प्रोफेशनल कोर्स या सरकारी सेवाओं की तैयारी कर लें। अक्सर देखा गया है कि ग्रेजुएशन के बाद बच्चे सिविल की तैयारी करते हैं जिसमें उनका और ज्यादा समय खर्च होता है.
यहां से कर सकते हैं पढ़ाई
- सभी आईआईटी
- 30 एनआईटी
- 25 आईआईआईटी
- 15 यूपी के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज
- तमाम सेंट्रल यूनिवर्सिटी के साथ ही डीयू, जेएनयू, बीएचयू, एएमयू, पुणे यूनिवर्सिटी बेस्ट है.
इसका क्या करें
कहने को मेरठ में भी सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज है। लेकिन यहां पर प्लेसमेंट कुछ खास नहीं है। उसके बाद यहां पर फैकल्टी भी पूरी नहीं है, और मान्यता पर भी हर साल एआईसीटीई की तलवार लटक जाती है.

'आज मेरठ में जो भी प्राइवेट कॉलेज खुले हुए हैं वो सिर्फ छात्रों की जेब काट रहे हैं और डिग्री बेच रहे हैं। छात्रों को सलाह है कि इन कॉलेजों समय और पैसा वेस्ट करने से बेहतर है कि रेग्यूलर कोर्स में एडमिशन के साथ ही कोई वोकेशनल कोर्स कर लें। इसमें पैसे भी बचेंगे और कैरियर में ज्यादा सफल हो पाएंगे.'
- विजय अरोड़ा, डायरेक्टर
गुरु द्रोणाचार्य इंस्टीट्यूट

Posted By: Inextlive