- हाई कोर्ट के आदेश पर कोटद्वार में एडिशनल सेशन जज की अदालत में चल रही थी सुनावाई

KOTDWAR: संदिग्ध परिस्थितियों में हुई एक विवाहिता की मौत के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने विवाहिता के पति को दस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. मामला काशीपुर का है, लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश पर मामले की सुनवाई कोटद्वार में एडिशनल सेशन जज की अदालत में चल रही थी.

मामला वर्ष 2014 का है. सहायक शासकीय अधिवक्ता जितेंद्र सिंह रावत ने बताया कि 28 सितंबर 2009 में जनपद देहरादून के अंतर्गत अजबपुरकलां निवासी पवनरेखा का विवाह ¨हदू रीति-रिवाज के साथ काशीपुर निवासी सतेंद्र प्रकाश जोगियाल के साथ हुआ. पवनरेखा के भाई शक्ति प्रसाद का आरोप था कि 12 जनवरी 2014 को पूर्वाह्न करीब 11 बजे काशीपुर की पुलिस ने उन्हें उनकी बहन पवनरेखा की मौत की जानकारी दी. बताया कि जब वे काशीपुर पहुंचे तो उनकी बहन का शव बैड पर पड़ा था. शक्ति प्रसाद ने सतेंद्र प्रकाश के साथ ही तीन अन्य के खिलाफ उनकी बहन की हत्या का आरोप लगाते हुए काशीपुर कोतवाली में मामला दर्ज करवा दिया. आरोप था कि उनकी बहन की हत्या दहेज की खातिर की गई. बताया कि पूर्व में भी दहेज की खातिर उनकी बहन को प्रताडि़त किया गया, जिसके बाद वर्ष 2011 में उनके बीच लिखित में समझौता भी हुआ था, लेकिन उसके बाद भी सतेंद्र प्रकाश व अन्य उनकी बहन को प्रताडि़त करते रहे. सहायक शासकीय अधिवक्ता जितेंद्र सिंह रावत ने बताया कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रतिभा तिवारी ने इस मामले में सतेंद्र प्रकाश जोगियाल को धारा 304-ख के तहत दस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है, जबकि अन्य आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया है.

Posted By: Ravi Pal