सास को कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में बरी किया, जेठ की हो चुकी है मौत

देहरादून: दहेज के लिए पत्नी से मारपीट कर हत्या करने के मामले में अपर सत्र न्यायालय प्रथम ने पति को दोषी मानते हुए सात साल के कठोर जेल की सजा सुनाई है. मामले में सास और जेठ को भी आरोपित बनाया गया था, लेकिन जेठ की मौत हो चुकी है, जबकि सास को अदालत ने बरी कर दिया.

2015 का मामला

मामला वर्ष 2015 में कोतवाली नगर क्षेत्र में सामने आया था. अभियोजन पक्ष की वकील जया ठाकुर ने बताया कि सूरजमणि लेखवाड़ निवासी मसूरी की बेटी रीना की मौत चार अप्रैल 2015 को हुई थी. उसका विवाह 2013 में राजन पालीवाल निवासी त्यागी रोड, सी ब्लॉक, नई बस्ती, रेसकोर्स के साथ हुआ था. सूरजमणि ने कोतवाली नगर में तहरीर देकर बताया था कि शादी के बाद राजन उनकी बेटी को दहेज के लिए प्रताडि़त करता था. वह ड्राइवर है और नई गाड़ी की मांग करता था. इस दौरान उसने राजन को दस हजार रुपये दिए थे, लेकिन पैसे खत्म होने के बाद वह फिर से पैसों की मांग करने लगा.

सूरजमणि के अनुसार मौत के तीन दिन पहले राजन ने उनकी बेटी के साथ मारपीट की थी. वह ढाई घंटे बेहोश रही. सास विद्याता देवी, जेठ ऋषिपाल व जेठानी शकुंतला देवी भी उनकी बेटी के साथ दु‌र्व्यवहार करते थे. चार अप्रैल 2015 को राजन ने उनकी बेटी को इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई. अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम आरके खुल्बे ने पति को दोषी पाते हुए दहेज हत्या में सात साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई. सास विद्याता देवी को बरी कर दिया गया.

Posted By: Ravi Pal