- नौकरी का झांसा देकर युवतियों से देह व्यापार और मानव तस्करी करते थे मां-बेटा

DEHRADUN: कोर्ट ने देह व्यापार व मानव तस्करी के आरोपी में मां-बेटे को दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 12 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. मां-बेटे पर नौकरी का झांसा देकर युवतियों से देह व्यापार कराने व मानव तस्करी का आरोप है.

12 हजार का लगाया अर्थदंड

मामला 28 मार्च 2018 का है. मानव तस्करी नियंत्रण इकाई व ऋषिकेश कोतवाली पुलिस ने एक कार में एक महिला और उसके पुत्र को दो युवतियों के साथ गिरफ्तार किया था. पूछताछ में युवतियों ने बताया कि आरोपित महिला मंजू निवासी रामनगर, लक्खीबाग, देहरादून ने उन्हें नौकरी का झांसा देकर अपने पास बुलाया था. नौकरी देने के बजाय महिला उनसे देह व्यापार करानी लगी. आरोप था कि महिला मंजू अपने पुत्र ऋषभ के साथ उन्हें देह व्यापार के लिए कभी हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून ले जाती थी. जिस दिन वह पकड़ी गई, उस दिन भी उन्हें हरिद्वार ले जाया गया था, जहां ग्राहक से बात नहीं बनी और फिर महिला व उनका पुत्र उन्हें देहरादून में दूसरे ग्राहकों के पास ले जा रहे थे. इस बीच नटराज चौक के समीप पुलिस ने उन्हें धर दबोचा. पुलिस ने इस मामले में मंजू पत्नी आदर्श कुमार व ऋषभ पुत्र आदर्श कुमार दोनों निवासी रामनगर, लक्खीबाग देहरादून के खिलाफ मानव तस्करी व अनैतिक देह व्यापार के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था. इस मामले में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनीष मिश्रा की अदालत में वेडनसडे को सजा सुनाई गई. कोर्ट ने मानव तस्करी में दोनों मां-बेटे को दस वर्ष कारावास व दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. अर्थदंड न देने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. वहीं अनैतिक देह व्यापार के आरोप में पांच वर्ष के कारावास व दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. अर्थदंड न देने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

Posted By: Ravi Pal