मणिपुर की रीजनल कोर्ट ने सिविल राइट्स एक्टिविस्‍ट इरोम चानू शर्मिला को तुरंत रिहा करने के आदेश दिये हैं. कोर्ट ने पुलिस द्वारा उनके अगेंस्‍ट आत्‍महत्‍या के प्रयास करने के तमाम आरोप खारिज कर दिये हैं.

14 सालों से नहीं खाया खाना
आपको बता दें कि इरोम शर्मिला केंद्र सरकार द्वारा नार्थ-ईस्ट में लगाये गये AFSPA का विरोध करती आयी हैं. इरोम सेना को दिये जाने वाले विशेष अधिकार (AFSPA) को रद्द करने की मांग बीते 14 सालों से अ निश्चितकालीन उपवास पर हैं. गौरतलब है कि उन्होंने यह उपवास 4 नवंबर 2000 से शुरू किया था. इसके लिये उन्हें अक्सर जेल से हॉस्पिटल लाया जाता है, जिसमें उनकी नाक में नली लगी दिखती है. 'आयरन लेडी' के नाम से मशहूर इरोम (42) को फिलहाल इंफाल में जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा विज्ञान संस्थान में ही नजरबंद रखा गया है, ताकि वे कहीं आत्महत्या न कर लें. इसे ही उपजेल घोषित किया गया है.
कैसे शुरू हुआ उपवास
इरोम ने अपना अनिश्चितकालीन उपवास तब शुरू किया था, जब इंफाल में आसाम राइफल्स के जवानों ने 14 निर्दोष लोगों को गोली मार दी थी. इस घटना के बाद स्थानीय अखबारों ने तब घटना की तस्वीरें छापीं थी, जिसमें मृतकों में 62 साल की वृद्धा और 18 साल का एक राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्राप्त युवक था. इसके विरोध में इरोम ने AFSPA को हटाने की मांग की और उपवास शुरू कर दिया. हालांकि 3 दिन बाद ही उन्होंने आत्महत्या का प्रयास किया था, तब वह महज 27 साल की थीं.
क्या है AFSPA
सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (AFSPA) के तहत सुरक्षा बलों को किसी को देखते गोली मार देने, बिना वारंट और बिना जांच के किसी को भी अरेस्ट करने जैसे असीमित अधिकार मिल जाते हैं. यह अधिनियम सुरक्षा बलों को इसके तहत की गई किसी भी कार्रवाई के अगेंस्ट कानूनी प्रक्रिया से भी बचाता है. इसके अलावा इरोम अपने मंगेतर डेसमंड कूटिन्हो के साथ अब घर बसाना चाहती हैं. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था,'मैं अब शादी करना चाहती हूं. एक बार मेरा मकसद हासिल हो जाये, तो मैं डेसमंड के साथ पति-पत्नी के रिश्ते में रहना चाहती हूं.'

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari