- करीब तीन साल पहले त्यूणी में हुई थी वारदात

- नाबालिग छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या कर पेड़ पर लटका दिया था शव

- नौ महीने के भीतर दून में सुनाई गई यह फांसी की तीसरी सजा

DEHRADUN: नौवीं की छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या और फिर शव पेड़ से लटकाने के दोषी चालक को विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई। इसके साथ ही उसे 70 हजार रुपए अर्थदंड चुकाना होगा। अदालत ने सोमवार को चालक को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था।

दुष्कर्म के बाद मर्डर कर पेड़ पर टांगा

नेपाली मूल की एक छात्रा का शव दो जनवरी, 2016 को त्यूणी के रोटा खड्ड बैंड के पास पेड़ से लटका मिला था। किशोरी की पहचान होने के बाद लोगों से पता चला था कि उसे एक जनवरी को वाहन चालक मोहम्मद अजहर पुत्र अहमद अली खान निवासी डाकपत्थर अपने साथ बाइक पर त्यूणी ले गया था। पुलिस अजहर के घर पहुंची तो वह फरार मिला। काफी तलाश के बाद अजहर को पांच जनवरी 2016 को हिमाचल के सिरमौर जनपद के बागरण कस्बे से दबोच लिया गया। पूछताछ में उसने कबूला कि किशोरी को वह जानता था और त्यूणी घुमाने के बहाने उसे साथ लेकर गया और वहां उसने उसके साथ दुष्कर्म किया। शोर मचाने और घरवालों को यह बात बता देने के भय से उसकी हत्या कर दी और शव को उसकी ही चुन्नी से बांधकर पेड़ से लटका दिया, ताकि लोगों को लगे कि उसने खुदकुशी की है।

एफएसएल रिपोर्ट से हुआ था खुलासा

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि किशोरी से पहले दुष्कर्म किया गया, उसके बाद उसकी गला घोंटकर हत्या की गई। एफएसएल रिपोर्ट में अजहर का डीएनए किशोरी के कपड़ों पर मिले स्पर्म के डीएनए से मैच हो गया, जिससे यह साबित हो गया कि दुष्कर्म अजहर ने ही किया था।

दुष्कर्म में उम्रकैद, हत्या में फांसी

अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में कुल 10 गवाह पेश किए गए। विशेष लोक अभियोजक भरत सिंह नेगी ने बताया कि नाबालिग से दुष्कर्म में अजहर को उम्रकैद और हत्या में फांसी की सजा सुनाई है। दोषी पर 70 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है, जिसमें से 50 हजार रुपये पीडि़ता के परिवार को दिए जाएंगे, जबकि शेष 20 हजार रुपये सरकारी खजाने में जमा होंगे। सरकारी अधिवक्ता के अनुसार कोर्ट ने इस तरह की घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि विडंबना है कि उन्हें चार महीने के भीतर दूसरी फांसी की सजा सुनानी पड़ रही है।

सजा पर परिजनों ने जताया संतोष

सुनवाई के दौरान पीडि़ता की मां, भाई और अन्य रिश्तेदार भी अदालत में मौजूद थे। अजहर को फांसी की सजा सुनाई जाने पर परिजनों ने संतोष जाहिर किया और पीडि़ता की मां ने रोते हुए कहा कि उसकी बेटी वापस तो आने वाली नहीं, लेकिन उसके साथ द¨रदगी करने वाले को अदालत सही सजा दी है। वह उसी के लायक था।

Posted By: Inextlive