जस्टिस गिरीश गोडबोले और न्यायमूर्ति एमएल टाहलियानी की पीठ ने सोशल एक्टविस्ट मंगलेश्वर त्रिपाठी द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा ‘‘आंदोलन हर नागरिक का अधिकार है.’’


बम्बई उच्च न्यायालय ने आज एक जनहित याचिका पर सुनवाई कल तक के लिए स्थगित कर दी जिसमें अन्ना हजारे के अनशन को ‘‘अवैध’’ घोषित करने की मांग की गई है. जस्टिस गिरीश गोडबोले और न्यायमूर्ति एमएल टाहलियानी की पीठ ने सोशल एक्टविस्ट मंगलेश्वर त्रिपाठी द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा ‘‘आंदोलन हर नागरिक का अधिकार है.’’याचिका में मांग की गई है कि 74 वर्षीय गांधीवादी द्वारा यहां के एमएमआरडीए मैदान में किए जा रहे अनशन को ‘‘अवैध एवं असंवैधानिक’’ घोषित किया जाए. त्रिपाठी के वकील ने कोर्ट से कहा कि अनशन और ‘जेल भरो आंदोलन’ के तौर तरीके अवैध हैं और वह सरकार पर अनावश्यक दबाव बना रहे हैं. वकील ने यह भी उल्लेख किया कि हजारे बीमार हैं और उन्हें अनशन नहीं करना चाहिए.
कोर्ट ने कहा ‘‘हजारे को उनकी हेल्थ के बारे में खुद चिंता करने दीजिए.’’ इसने कहा कि हजारे और उनके समर्थक कानून तोडऩे के परिणामों से अच्छी तरह वाकिफ हैं.

Posted By: Divyanshu Bhard