झारखंड के एक जाने माने निजी स्‍कूल में गाय को मांसाहारी पढ़ाए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। पैरेंट्स इस बात का विरोध कर रहे हैं। इस किताब को उत्‍तर प्रदेश के मेरठ कॉलेज के एक प्रोफेसर ने लिखा है। वहीं स्‍कूल की प्रिंसिपल में छुट्टियां होने की बात कह कर अपनी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया है।


अंकुर गुप्ता ने लिखी देश में गाय को लेकर अक्सर ही कोई न कोई मामला चर्चा में रहता है। अब इन दिनों झारखंड के एक जाने माने स्कूल में गाय को मांसाहारी पढ़ाए जाने की बात सामने आई है। यहां तीसरी कक्षा में विज्ञान की किताब में यह बात लिखी गई है। विज्ञान की पुस्तक 'insight into science' के चैप्टर-3 के पेज नम्बर-27 में सबसे ऊपर गाय 'omnivors animal' यानी कि मांसभक्षी जानवर है। जिससे यहां बच्चों को बताया जा रहा है कि गाय एक ऐसा जानवर जो मांसाहारी और शाकाहारी दोनों तरह का भोजन खाती है। जब कि हकीकत में ऐसा नही है। यह किताब उत्तर प्रदेश के मेरठ कॉलेज के एक प्रोफेसर अंकुर गुप्ता द्वारा लिखी गई है। विरोध शुरू हो गया
वहीं जैसे ही यह बात पैरेंट्स के संज्ञान में आई उन्होंने इसका विरोध शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि स्कूल में बच्चों को भ्रमित किया जा रहा है। वहीं जब इस मामले को लेकर स्कूल की प्रिंसिपल से बात करने व उनकी राय जानने का प्रयास हुआ तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया। उनका कहना है कि अभी छुट्टियां शुरू हो गई हैं। ऐसे में वह अपनी कोई बात नहीं कहेंगी। बताते चलें कि इससे पहले राजस्थान में किताबों में पाठ्यक्रम को लेकर बवाल हो चुका है। राजस्थान में देश के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम पाठ्यक्रम से हटाने को लेकर काफी विवाद हो चुका है।

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Posted By: Shweta Mishra