पटाखों का शोर बेजुबानों पर पड़ेगा भारी
-बम पटाखों के तेज आवाज से बिगड़ जाती है पालतू जानवरों की सेहत
-स्ट्रीट एनिमल्स को होती है सबसे ज्यादा परेशानी दीपावली की रात अगर आपका पेट्स बेड के नीचे या घर के किसी कोने में छुपकर उदास बैठा हो तो यह मत समझिएगा कि वह बीमार है। वह ऐसा दिवाली पर होने वाली आतिशबाजी की शोर से दूर भागने के लिए करता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो जानवरों में सुनने की क्षमता इंसानों से ज्यादा होती है। उन्हें हर पटाखे की आवाज बड़े धमाके के बराबर लगती है। पशु चिकित्सकों का कहना है कि अगर इंसान किसी आवाज को एक स्केल पर सुनता है तो वही आवाज पेट्स को दस स्केल पर सुनाई देती है। यही नहीं उन्हें तेज रोशनी भी आंखों में चुभती है। क्या होता है शोर से - पालतू जानवरों को अचानक होने वाली आवाज से एंग्जायटी होती है।- उनका ब्लडप्रेशर बढ़ जाता है।
-नन्हें परिंदों के कान के पदरें पर असर होता है। -घबराहट के कारण कई जानवर सुस्त होकर खाना-पीना भी छोड़ देते हैं। - हार्ट बीट रेज होने से कुछ छोटी प्रजातियों के कुत्तों की मौत तक हो जाती है।-स्ट्रीट एनिमल्स तेज आवाज से सहम जाते हैं और उनके पास तो बचने की कोई जगह भी नहीं होती।
-कुछ लोग जानबूझ कर स्ट्रीट एनिमल के पास पटाखे जलाते हैं जो कि बिलकुल नही करना चाहिए। -रॉकेट की आवाज और धुंए से पछियों को नुकसान होता है। ---- थोड़ा सा रखें ध्यान - पालतू सदस्य के पास घर का कोई व्यक्ति अवश्य रहे। उसका ध्यान रखे - पटाखे जलाते समय पालतुओं को पटाखों की पहुंच से दूर रखें। - आवाज की जगह रोशनी के पटाखों का उपयोग करें। - यदि आस-पास कोई घायल आवारा पशु दिखाई दे तो उसका इलाज करवाने में मदद करें। - यदि आपके पालतू के व्यवहार में परिवर्तन नजर आए तो तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। हमारी मस्ती बेजुबान जानवरों की मुसीबत न बन जाए। वे कुछ बोल नहीं सकते हैं, इसलिए उनका ध्यान रखना जरुरी है। वह हमसे 10 गुना ज्यादा सुनते हैं। डॉ। वीबी सिंह, वीसीओ अगर किसी एनिमल का कोई पार्ट जल जाए तो फर्स्ट एड के तौर पर उस जगह नॉर्मल पानी डालें। घाव पर बनॉर्ल या एंटी इन्फलामेट्री मेडिसन का यूज करे। बर्फ का इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें। मो। असलम अंसारी, पशु चिकित्साधिकारी , नगर निगम