Agra:एकलव्य स्पोट्र्स स्टेडियम के क्रिकेट ग्राउंड का दो साल पहले स्पोट्र्स डायरेक्टरेट ने कायाकल्प किया था. उस दौरान पिच को टर्फ बना दिया गया था और प्लेयर्स की सुविधा के लिए ग्र्रीन रूम की व्यवस्था की गई थी. इसके चलते डिपार्टमेंट की ओर से एक करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. साथ ही यह भी आशा जताई जा रही थी कि सिटी में भी रणजी और दिलीप ट्रॉपी जैसे नेशनल स्तर के क्रिकेट मैच हो सकेंगे. साथ ही इसका यूज लोकल और स्टेट लेवल के मैचेज में हो सकेगा. लेकिन दो साल बाद ही हालात ये हैं कि ग्रीन रूम बनने के बाद उसका ताला अभी तक खोला नहीं गया है. वहीं सिटी के स्पोट्र्स ऑफिसर्स ग्रीन रूम के रेट न निर्धारित होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं.

तब भी लटका रहा ताला
लास्ट ईयर सिटी में स्टेट लेवल का सीके नायडू टूर्नामेंट आयोजित किया गया था। उस दौरान स्टेडियम सहित सिटी के अलग-अलग क्रिकेट ग्राउंड्स में मैचेज आयोजित किए गए थे। इसके बावजूद स्टेडियम में होने वाले मैचेज के दौरान एक बार भी प्लेयर्स के लिए ग्र्रीन रूम को नहीं खोला गया था। इस संबंध में तत्कालीन प्रभारी आरएसओ अजय कुमार सेठी से पूछा गया तो उन्होंने गोलमोल जवाब देकर चुप्पी साध ली थी।
डिपार्टमेंट पर डाली जिम्मेदारी
जब प्रभारी आरएसओ पूछा गया कि ग्रीन रूम का यूज क्यों नहीं किया जा रहा है तो उनका कहना था कि स्पोट्र्स डायरेक्टरेट, लखनऊ की ओर से ग्र्रीन रूम को यूज करने के लिए रेट नहीं निर्धारित किए हैं। वहीं, वर्तमान आरएसओ अशोक तेजपाल अपने ऑफिस में जानकारी करने की बात कहकर चले गए।
अदर पिच को करते हैं प्रिफर
सिटी में स्टेडियम के अलावा आगरा कॉलेज ग्र्राउंड क्रिकेट के लिए सबसे अच्छी जगह है। लेकिन सिटी में होने वाले ज्यादातर मैचेज स्टेडियम की जगह क्रिकेट्र्स आगरा कॉलेज को प्रिफर करते है। लोकल क्रिकेट टूर्नामेंट ऑर्गनाइज कराने वाले मुईन बाबू जी कहना है कि स्टेडियम में टाइम लिमिट की बाउंडेशन होती है। इसके अलावा जब भी ग्र्रीन रूम लेने बात की जाती है, तो मना कर दिया जाता है।
अजय सेठी क्रिकेट एसोसिएशन पदाधिकारियों को पूछते नहीं हैं। सीके नायडू टूर्नामेंट के टाइम भी ग्र्रीन रूम खोलने के लिए कहा गया था। तब भी हमारी बात को अनसुना कर दिया था।
जीडी शर्मा, डिस्ट्रक्ट सेक्रेटरी, यूपीसीए

 

Report by:Sharma.neeraj@inext.co.in

Posted By: Inextlive