जम्‍मू-कश्‍मीर की बाढ़ ने बड़ी तादाद में लोगों के जीवन को अस्‍त-व्‍यस्‍त कर दिया. इस आपदा के बीच कोई अपने पूरी परिवार से बिछड़ गया तो किसी ने अपना आशियाना सहित सब कुछ खो दिया. ऐसे प्राकृतिक कहर के बीच भारतीय क्रिकेटर परवेज रसूल भी कई दिनों तक अपने परिवार के साथ फंसे रहे. पानी के सैलाब के बीच में पहले जैसी जिंदगी मिलने की आस में फंसे परवेज ने और किसी भी चीज का खोना गवारा किया लेकिन अपने लकी बैट और क्रिकेट किट को नहीं. टीम इंडिया में जगह बनाकर इतिहास रचने वाले रसूल की क्रिकेट के प्रति दीवानगी बाढ़ का पानी भी नहीं रोक सका. उन्होंने मीडिया से बातचीत कर बाढ़ के दौरान आई मुसीबतों की दास्तां सुनाई.

11 दिन तक फंसे रहे बाढ़ में
रसूल ने बताया कि वह और उनका परिवार 11 दिनों तक बाढ़ के कारण तक समाज और दुनिया से दूर रहा. न कोई फोन काम कर रहा था ना ही उनके पास इंटरनेट की सुविधा थी. वह बस जैसे-तैसे घर की पहली मंजिल पर अपना गुजारा कर रहे थे. बीच में कई बार ऐसी खबरें भी सुनने में आईं कि उनका परिवार लापता है, लेकिन वह अपने दोस्तों और परिजनों को बताना चाहते हैं कि वह अब सुरक्षित हैं. परिजनों को अपने सुरक्षित होने की खबर देने के लिए परवेज ने घर से दो किलोमीटर दूर आकर फोन किया.
पानी के बीच कुछ ऐसे थे हालात घर के
परवेज ने बताया कि उनके घर का निचला हिस्सा पूरी तरह पानी में डूब गया था. वह पहली मंजिल पर रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि जैसे ही ग्राउंड फ्लोर पर पानी भरा उन्हें याद आया कि कार में उनका फेवरेट बल्ला और क्रिकेट किट रखी है. उनकी मां खतरे को भांपते हुए उनके नीचे जाने के खिलाफ थीं, लेकिन वह जिद करके बल्ला लेने गए. पानी का स्तर उनके गले तक था, लेकिन उन्होंने कोशिश कर अपना बल्ला और क्रिकेट किट को निकाल ही लिया.
क्रिकेट से दूरी बर्दाश्त नहीं
परवेज अब जल्द से जल्द क्रिकेट प्रैक्टिस में जुटना चाहते हैं. उनका कहना है कि यह महज पहला मौका है जब वे दो हफ्तों तक क्रिकेट प्रैक्टिस के लिए नहीं गए. जम्मू एंड कश्मीर क्रिकेट टीम के कप्तान परवेज ने इसी साल टीम इंडिया में वनडे डेब्यू किया है. 25 साल के ऑफ स्पिनर परवेज ने ढाका में 15 जून 2014 को हुए वनडे मैच में दो विकेट चटकाए. परवेज फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 84 विकेट ले चुके हैं. आईपीएल में उनके परफॉर्मेंस ने उन्हें टीम इंडिया में आने का मौका दिलवाया. वे जिम्बाब्वे टूर पर भी गए थे, लेकिन वहां उन्हें खेलने का मौका नहीं मिल सका.
लगा था आतंकवादी होने का आरोप
2009 की चैम्पियंस लीग टी-20 के दौरान रसूल को बेंगलुरु पुलिस ने आतंकवादियों से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किया था. उन्होंने पुलिस के कुत्तों द्वारा बैग की तलाशी दिलवाने से मना कर दिया था. बाद में पता चला था कि रसूल सिर्फ बैग में कुरान होने की वजह से कुत्तों को पास आने से रोक रहे थे.

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Posted By: Ruchi D Sharma