Jamshedpur: क्राइम का ट्रेंड क्या है? कब और कहां किस तरह का क्राइम होगा? किस एरिया में कब और कैसे क्रिमिनल्स क्राइम को अंजाम देंगे? इनकी सारी इन्फॉर्मेशन पहले से ही पुलिस के पास रहेगी. इसके लिए पुलिस हेडक्वार्टर ने सीआईडी की हेल्प से काम स्टार्ट कर दिया है. इसे लेकर सीआईडी ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है.

सीआईडी को एक्टिव करना है मकसद
इसका मकसद सीआईडी को ज्यादा से ज्यादा एक्टिव करना है, ताकि स्टेट में क्राइम कंट्रोल किया जा सके। इसे लेकर पिछले दिनों सीआईडी की एक मीटिंग हुई थी, जिसमें सीआईडी के सभी सीनियर ऑफिशियल्स को डाइरेक्शन भी इश्यू किया गया है। पुलिस को वैसे एक्ट के बारे में इन्फॉर्मेशन दी जाएगी, जिनका जानकारी के अभाव में वो यूज ही नहीं करती है।

IT की ली जाएगी help
इसका मेन मकसद सीआईडी को और स्मार्ट बनाना है। इसके तहत पहले से चल रहे क्राइम डिटेक्शन की प्रक्रिया व इन्फॉर्मेशन कलेक्शन सिस्टम में भी चेंज लाया जा रहा है। इसके लिए आईटी की हेल्प लेने का भी निर्देश दिया गया है। कहा जा रहा है कि आईटी की हेल्प से पूरे प्रोसिजर में काफी हेल्प मिलेगी।

Change होगा system
इन्फॉर्मेशन के मुताबिक क्राइम रिलेटेड इन्फॉर्मेशन्स अब भी पुराने पैटर्न पर ही कलेक्ट किए जाते हैं। धीरे-धीरे में इसमें चेंज लाया जाएगा। जल्दी ही नया परफॉर्मा सिस्टम में अपलोड कर दिया जाएगा, ताकि उसी हिसाब से क्राइम से रिलेटेड इन्फॉर्मेशन कलेक्ट किया जा सके।

समीक्षा करेंगे CID SP
सीआईडी की कार्यशैली व उसका दायरा अब बदलेगा और उसकी जिम्मेवारी भी बढ़ जाएगी। इसके तहत सीआईडी में पोस्टेड एसपी को भी डिस्ट्रिक्ट की जिम्मेवारी देने की बात चल रही है। फिलवक्त सीआईडी में तीन एसपी हैं और सभी को 8 डिस्ट्रिक्ट की जिम्मेवारी दी जाएगी। ये ही डिस्ट्रिक्ट के मामले की समीक्षा करने के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।

Crime कंट्रोल में होगी आसानी
अब तक पुलिस केवल क्राइम स्टेटिसटिक्स पर ही फोकस करती थी और कोशिश होती थी कि क्राइम फिगर कैसे कम किया जाए। हालांकि, अब इस नए प्रोसिजर के तहत क्राइम का पूरा मैप ही तैयार किया जाएगा। क्राइम मैप से पुलिस को यह पता चल सकेगा कि क्राइम का पैटर्न क्या है, क्रिमिनल्स कब व किस समय, किस एरिया में किस तरह के क्राइम इंसिडेंट्स को अंजाम देते हैं। इस बेसिस पर सीआईडी समय-समय पर डिस्ट्रिक्ट पुलिस को इंफॉर्मेशन अवेलेबल कराएगी।

2012 को 12 महीने बनाम 2013 के 11 महीने
बात सिटी के क्राइम की की जाए, तो इसका ग्राफ बढ़ा है। हालांकि कई हेड में क्राइम इंसिडेंट्स में कमी तो आयी है, लेकिन दूसरे हेड में इसमें बढ़ोतरी हुई है। पुलिस रिकार्ड में नवंबर तक का डाटा अपडेट किया गया है। अगर वर्ष 2012 के 12 महीनों व वर्ष 2013 के 11 महीने यानी केवल नवंबर तक के डाटा का मिलान किया जाए, तो पता चलता है कि कई हेड में ये डाटा लगभग बराबर है और कई में तो ज्यादा हैं।
'क्राइम इंसीडेंट्स रोकने के लिए सीआईडी की एक मीटिंग हुई है.  क्राइम का मैप तैयार करने का निर्णय लिया गया है। इन्फॉर्मेशन कलेक्शन सिस्टम में भी चेंज लाया जा रहा है.'
-सुबोध प्रसाद, डीआईजी (सीआईडी), झारखंड

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Posted By: Inextlive