-शहर में शाम ढलते ही शराब ठेकों पर जमावड़ा, त्रस्त है आसपास के वाशिंदे

-ठेकों के बाहर स्थाई-अस्थाई दुकानों पर रोजाना होते है छोटे-बड़े अपराध, पुलिस का नहीं रह गया है खौफ

शराब ठेकों के आसपास स्थाई-अस्थाई दुकानों पर धड़ल्ले से खुलेआम लड़ रहे पैग ने खाकी का खौफ खत्म कर दिया है। अपराधिक किस्म के मनबढ़ नशे में धुत होकर वारदात पर वारदात को अंजाम दे रहे है। शिवपुर थाना एरिया के मेहता नगर कालोनी के पास बुधवार की रात देशी शराब ठेके के बाहर नशे में धुत मनबढ़ द्वारा बालक बाबूलाल को जबड़े में गोली मार दी। ऐसी घटनाएं अब शहर के लिए आम हो गई हैं। इसके पूर्व भी नशेबाजों ने शराब ठेके के बाहर बेगुनाहों पर कहर बरपा चुके है। देखा जाए तो मई माह में शराबियों ने सारनाथ थाना एरिया के रजनहिया में शराब ठेके के बाहर अंडा विक्रेता फूफा-भतीजा की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद पंचकोशी इलाके में शराब ठेके बाहर चखना बेच रहे दुकानदार को नशेबाजों ने चाकू मारकर घायल कर दिया। पहाडि़या एरिया में भी एक दुकान पर शराबियों ने जमकर तांडव मचाया। अगस्त माह में रविंद्रपुरी स्थित एक नॉनवेज ढाबा पर नशेबाज खाने के विवाद को लेकर आगजनी की।

शराब ठेका के बाहर ठोक रहे

हेडक्वार्टर लेवल से जिला पुलिस को सख्त आदेश है कि शराब दुकानों के आसपास शराबियों का जमावड़ा नहीं लगे। खुले में शराब पीकर उत्पात मचाने वालों को हवालात की सैर कराएं। शाम के समय इलाकाई पुलिस निरीक्षण करके शांति व्यवस्था और भी चुस्त-दुरूस्त रखे। जब आदेश आया तभी एक दो दिन के लिए बनारस पुलिस सड़कों पर उतरी और अभियान चलाकर शराबियों को खदेड़ा और जुर्माना वसूला। फिर भी पुलिस का खौफ शराबियों में नहीं दिख रहा। हर दिन सिटी से लेकर रूरल एरिया तक नशे में धुत होकर मनबढ़ घटनाओं को अंजाम दे रहे है। खास यह है कि अधिकतर घटनाएं शराब ठेकों के आसपास ही हो रही है।

शिवपुर थाना एरिया में बालक बाबूलाल को मारी गई गोली के पीछे वाशिंदे सीधे तौर पर शराब ठेका को ही दोषी मान रहे हैं। उनका कहना है कि शराब ठेका की वजह से अक्सर असमाजिक तत्वों का जमावड़ा होता है। ऐसी ही घटनाओं से भयभीत होकर लोग घनी आबादी में खुल रहे शराब-बीयर के ठेकों का विरोध कर रहे हैं। मई माह में लंका थाना के सामनेघाट में बीयर की दुकान खुलने के विरोध में काशीनाथ आठ दिन तक भूख हड़ताल पर बैठे रह गए। चेतगंज, लेबर मंडी तिराहे के पास एक मंदिर के पास खुली बीयर की दुकान बंद कराने को लेकर पब्लिक सड़क पर आंदोलन के लिए उतर गई।

अराजकतत्वों का जमावड़ा

नई आबकारी नीति के तहत देसी-अंग्रेजी और बीयर की दुकान खुलने का विरोध खूब हुआ। अप्रैल से मई माह में लगभग पचासों कम्पलेन लेटर सिर्फ आबकारी विभाग में सहायक आयुक्त आबकारी को मिले। वहीं प्रधानमंत्री के संसदीय व जनसम्पर्क कार्यालय रविंद्रपुरी में भी नशेबाजों से बचने व शराब ठेकों के विरोध संबंधित लेटर पड़ चुके हैं। पब्लिक यही दुहाई दे रही है कि जब से शराब की दुकानें खुली हैं अराजकतत्वों का जमावड़ा बढ़ गया है। शराबी गाली गलौज से लेकर महिलाओं पर छींटाकशी करने से बाज नहीं आ रहे।

14

नवंबर शिवपुर थाना एरिया के मेहता नगर में बालक को मारी गई जबड़े में गोली

12

अक्टूबर को पहाडि़या स्थित शराब ठेके के बाहर दुकान पर तोड़फोड़

21

अगस्त को भेलूपुर थाना एरिया के रविंद्रपुरी में एक रेस्टूरेंट में नशेबाजों ने लगाई आग

15

मई को सारनाथ थाना के रजनहिया में फूफा-भतीजा का डबल मर्डर, शराब ठेका के बाहर।

आवंटित दुकानें

285

देसी शराब

165

अंग्रेजी शराब

143

बीयर

8

माडल शॉप

50

से अधिक कम्पलेन लेटर पड़ चुके है ठेकों को बंद कराने को लेकर आबकारी कार्यालय में

35

से अधिक कम्प्लेन लेटर शराब ठेका बंद कराने के लिए पीएम के संसदीय कार्यालय में पड़े हैं लेटर

Posted By: Inextlive