-एंटी करप्शन सेल ने सिगरा थाने से संबद्ध सोनिया पुलिस चौकी इंचार्ज को रंगे हाथ किया अरेस्ट

-कोरियर कारोबारी से मांगा था पैसा, कैंट थाने में दर्ज हुआ मुकदमा

सिगरा थाने से संबद्ध सोनिया पुलिस चौकी के इंचार्ज को पांच हजार रुपये घूस लेते एंटी करप्शन बनारस की यूनिट ने शनिवार की दोपहर रंगे हाथ गिरफ्तार किया. कोरियर कारोबारी से पैसा थामते ही एंटी करप्शन की टीम ने दरोगा को हिरासत में ले लिया. इसके बाद उन्हें लेकर कैंट थाने पहुंची. गिरफ्तार चौकी इंचार्ज के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया गया है. इस कार्रवाई की भनक लगते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया.

कार्रवाई के बदले में मांग रहे थे धन

जालपा देवी रोड कबीरचौरा निवासी राजकुमार गुप्ता कोरियर कारोबारी है. कारोबारी ने 2018 फरवरी में करीब 15 लाख रुपये के बनारसी साड़ी की डिलेवरी के दौरान गबन के आरोप में डिलेवरी मैन सहित दो लोगों पर सिगरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. जिसके बाद जंगमबाड़ी निवासी आरोपी डिलेवरी मैन ध्रुव रंजन मुखर्जी को 16 मार्च को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. सोनिया पुलिस चौकी इंचार्ज इसी मामले की जांच कर रहे थे. कारोबारी का आरोप है कि इस कार्रवाई के बाद चौकी इंचार्ज महेश सिंह रुपये की डिमांड कर रहे थे. कई बार फोन आने के बाद विवश होकर एंटी करप्शन बनारस यूनिट में शिकायत पत्र दिया. जांच पड़ताल के बाद आरोप सही साबित होने पर एंटी करप्शन यूनिट के प्रभारी निरीक्षक विनोद यादव के नेतृत्व में गठित टीम ने कोरियर कारोबारी राजकुमार गुप्ता को पांच हजार रुपये टै्रप लगाकर दिए. शनिवार दोपहर करीब 1.45 बजे कारोबारी पांच हजार रुपये लेकर सोनिया चौकी इंचार्ज को थमाया. इसी बीच चौकी के अंदर धमकी टीम ने चौकी इंचार्ज को रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया. टीम में इंस्पेक्टर संतोष कुमार दीक्षित, सुनील यादव, अशोक सिंह, हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह, विजय नारायण और सुनील यादव आरक्षी शामिल रहे.

कहा, मिठाई के लिए मांगा था पैसा

एंटी करप्शन के हाथों पकड़े गए चौकी इंचार्ज बचाव में कहते रहे कि होली परमिठाई खाने के लिए पैसे लिया था. एंटी करप्शन सेल बनारस के प्रभारी रामसागर राम ने कहा कि आन ड्यूटी पैसा मांगना ही अपराध है. चाहे मिठाई के लिए हो या फिर चाय के लिए.

पांच सौ रुपये दे चुका था

कोरियर कारोबारी राजकुमार गुप्ता ने बताया कि आरोपी डिलेवरी मैन के जेल जाने के बाद से ही चौकी इंचार्ज उससे पैसे की डिमांड करने लगे थे. कहते थे कि तुम्हारा काम तो हो गया अब मेरा भी कुछ ध्यान रखो. होली से पूर्व 19 मार्च को चौकी इंचार्ज को पांच सौ रुपये दिया था. मगर, होली बीतते ही कई बार फोन करके चौकी इंचार्ज ने पैसा देने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया था.

थाने में हंसते रहे दरोगा जी

कैंट थाने में मुकदमे की लिखा पढ़ी चल रही थी. जिसे मालूम चल रहा था कि चौकी इंचार्ज घूस लेते पकड़े गए हैं तो देखने वालों का मजमा जुटने लगा. मगर, चौकी इंचार्ज के चेहरे पर करनी का पछतावा तनिक भी देखने को नहीं मिला. इंस्पेक्टर रूम में बैठे चौकी इंचार्ज किसी बात पर खिल-खिलाकर हंस भी उठे. यह देख खुद एंटी करप्शन की टीम भी सकपका गई.

Posted By: Vivek Srivastava