RANCHI: जेल में बंद रहकर भी अपराधी शहर के व्यवसायियों, ठेकेदारों व जमीन कारोबारियों से रंगदारी वसूल रहे हैं। जेल में बंद शातिर अपराधियों को जमानत पर छूटनेवाले अपराधियों की तिथि पता होती है। जब वे जेल से छूट कर बाहर आते हैं, तब शातिर अपराधी उसे कहते हैं कि उसे कहां से रंगदारी मांगनी है, कहां पर फायरिंग करनी है। हिंदपीढ़ी पुलिस की गिरफ्त में आए मो मुश्ताक भी ऐसे ही मामले की एक कड़ी है। गौरतलब हो कि आदिवासी कल्याण हॉस्टल बनाने के क्रम में पूर्व में उसके कांट्रैक्टर गजेंद्र पंाडेय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

50 परसेंट शेयर का लालच

जेल के विभिन्न सेलों में बंद गैंग को यह पता रहता है कि कौन कब जेल से छूट रहा है। उसे सुपारी देने के बाद कहा जाता है कि जितनी रंगदारी की रकम मिलेगी, उसमें 50 प्रतिशत का शेयर तुम्हारा होगा। जेल से छूटे अपराधी को पैसे की जरूरत होती है, इसलिए वो रंगदारी समेत हत्या करने, फायरिंग की घटना को अंजाम देते हैं।

सुजीत, संदीप व गेंदा सिंह गिरोह का दहशत

ऐसे कामों में सुजीत सिन्हा, संदीप थापा, गेंदा सिंह, मो इम्तियाज समेत अन्य के गिरोह भी शामिल है। संदीप थापा एक नंबर पर चल रहा है, जबकि दूसरे नंबर पर सुजीत सिन्हा। बिटटू मिश्रा भी अपनी संपत्ति बना रहा है। राजधानी रांची में इन दहशतगर्दो ने लेवी, रंगदारी और फिरौती के पैसों से करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। जेल में बंद होने के बाद भी इन अपराधियों का खौफ कम नहीं हुआ है। कोयला कारोबारी, ट्रांसपोर्टर्स, व्यापारी, जमीन दलाल आदि इन अपराधियों को लेवी देते हैं। हर माह इनके गुर्गे क्षेत्र से पैसे की उगाही करते हैं। जो पैसा देने में आनाकानी करते हैं, उसकी बात गुर्गे जेल में बंद अपने आकाओं से मोबाइल पर सीधे कराते हैं। ये अपराधी वसूले गए पैसे अब रियल इस्टेट में अपने करीबियों के नाम से लगा रहे हैं।

Posted By: Inextlive