ALLAhABAD: पुलिस कस्टडी से हमेशा ही शातिर बदमाश भागने की फिराक में लगे रहते हैं. जब भी मौका मिलता है वे पुलिस वालों की आंखों में धूल झोंक कर भाग निकलते हैं. पुलिस के क्राइम रिकार्ड पर नजर डालने पर पता चलता है कि 2008 से अब तक दर्जनों बदमाश भागे चुके हैं. इसमें कई खूंखार बदमाशों का पुलिस आज तक पता नहीं लगा सकी. ट्रेन में दो पुलिसवालों की हत्या करके नीरज भागा था तो एसटीएफ ने उसे जरूर मार गिराया था.


बंटी उर्फ मेहरबान बंटी उर्फ मेहरगनी उर्फ मेहरबान। जी हां जरायम की दुनिया में बड़ा ही खतरनाक नाम है। बंटी 2008 में कोर्ट कैंपस से पुलिस की आंख में धूल झोंककर भागा था। वह शातिर अपराधी है। वर्तमान में उस पर 15000 रुपए का इनाम घोषित है। बंटी को पुलिस ने पकड़ा था तो उसने सरेआम मुट्ठीगंज थाने में तत्कालिन सब इंस्पेक्टर पंकज मिश्रा को मारने की धमकी दी थी। कहा था कि जेल से भागते ही उसे मार देगा। पुलिस कस्टडी से जब बंटी भागा तो पंकज मिश्रा के होश उड़ गए थे। 10 हजार का इनामी है कल्लू
कीडगंज का रहने वाला कल्लू भी आज मोस्ट वांडेट की लिस्ट में है। शातिर कल्लू को कोतवाली पुलिस ने पकड़ा था। जेल में बंद कल्लू ने बहाना बनाया और स्वरूपरानी हॉस्पिटल में एडमिट हो गया। फिर इलाज के बहाने यहीं रुका और एक दिन पुलिस वालों को गच्चा देकर भाग निकला। उस पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित है। नीरज केस को नहीं भूल सकते


पिछले कुछ सालों से पुलिस कस्टडी से भागने का सबसे सनसनीखेज मामला नीरज के भागने का रहा है। जौनपुर के रहने वाले नीरज ने 16 मई 2010 को जौनपुर से पेशी से लौटते समय ट्रेन में सिक्योरिटी में लगे दोनों पुलिसवालों धर्मेन्द्र और हरे राम की हत्या कर दी और भाग निकला। वह पुलिसवालों की राइफल भी लूट ले गया था। नीरज अपने साथियों के साथ भाग तो साथियों को खोने वाली पुलिस भी उसके पीछे हाथ धोकर लग गई। उसके साथी या तो पकड़े गए नहीं तो एनकाउंटर में मार दिए गए। एक मुठभेड़ के दौरान एसटीएफ ने आगरा में नीरज को भी मार गिराया था। कैदियों की सुरक्षा में लगे सब इंस्पेक्टर समेत सभी चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करके उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है। एक कैदी चांद को देर रात पकड़ लिया गया। बाकी सभी पर पांच-पांच हजार रुपए का पुरस्कार घोषित कर दिया गया है।मोहित अग्रवाल एसएसपी

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