AGRA:अभी तक नंबर दो और तीन पर थे लेकिन मौजूदा समय में हम इस फील्ड में भी नंबर वन हो गए. यह बताते हुए खुशी नहीं बल्कि तकलीफ होती है कि पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा क्राइम रेट आगरा का है. पुलिस अधिकारी भी आगरा के इन हालात को लेकर परेशान हैं. आए दिन हो रही रेप मर्डर लूट जैसी वारदातों को लेकर हालात का जायजा लेने ट्यूजडे को आगरा पहुंचे. उन्होंने भी स्वीकार किया कि मौजूदा समय में सबसे ज्यादा क्राइम रेट आगरा का है.


डराती हैं वारदातेंआए दिन वारदातें आगराइट्स को दहला रही हैं। सिटी में कई बढ़ी घटनाओं का पुलिस खुलासा नहीं कर सकी है। सिकंदरा में बैंक की दिन-दहाड़े लूट की वारदात, 32 किलो चांदी लूट और अछनेरा में छह माह की बच्ची के रेप का आरोपी भी अभी फरार चल रहा है। कई मर्डर कांड ऐसे हैं जो अभी तक खुले नहीं हैं। अधिकारियों के तबादले के बाद भी क्राइम कंट्रोल नहीं किया जा सका। आगरा में हो रहे अंधाधुंध क्राइम ने लखनऊ में बैठे अधिकारियों को भी चिंता में डाल दिया है। आगरा के हालात को देखते हुए ट्यूजडे को एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जगमोहन यादव को आगरा पहुंचे। क्राइम रोकने में नाकाम


एडीजी कानून जगमोहन यादव ने गोलमोल जबाब देते कहा कि थानाध्यक्ष चाहें तो कम हो सकता है क्राइम। पिछली सरकार में थानों में मुकदमे दर्ज नहीं होते थे। इस समय छोटे से छोटे मामले की भी रिपोर्ट  दर्ज की जा रही है। जिसके कारण क्राइम बढ़ता दिखाई दे रहा है। उनका साफ कहना है कि यूपी में क्राइम पर कंट्रोल कर लिया गया है। आगरा में ही क्राइम पर अंकुश लगाने में अधिकारी सक्षम नजर नहीं आ  रहे हैं। यही वजह है कि मैंने पहला दौरा आगरा का किया है। अंकुश लगाने की तैयारी

उन्होंने कहा कि खनन माफियाओं के दुस्साहस पर रोक लगाने के लिए शासन स्तर से प्लानिंग की जा रही है। पिछली सरकार की अपेक्षा अब खनन पर काफी हद तक रोक लगाई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि थाना स्तर से ही फरियादियों की बात सुन समस्या का निपटारा किया जाए। किसी भी थाने से आलाधिकारियों के पास अधिक समस्याएं आने की सूचना मिली तो थानाध्यक्षों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी.  चुनाव में होगी सख्तीनिकाय चुनाव नजदीक हैं इसक ो देखते हुए सिटी में असलहों को जमा कराएं जाएंगे। उन लोगों को चिन्हित किया जा रहा है जो पिछले चुनावों में अराजकता फैला चुके हैं। हिस्टीशीटरों को चुनाव से पहले ही जेल भेजा जाएगा। परिवार में एक उपद्रवी की वजह से पूरे कुनबे को परेशान नहीं किया जाए। चुनावों में शराब का बड़ा चलन होता है। इस पर थाना स्तर से रोक लगाने का प्रयास किया जाएगा। मतदान वाले दिन पुलिस के साथ पीएसी और बाहर के जिलों से फोर्स की मदद ली जाए। एचएस के  नाम हथियार

पिछली सरकार में जिन हिस्टीशीटर्स ने अपने नाम से शस्त्र लाइसेंस बनवा रखे हैं। उनके खिलाफ व फाइल पर जिस दरोगा ने रिपोर्ट लगाई है उसके विरुद्ध भी मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई होगी। आलाधिकारियों पर भी विभागी कार्रवाई होगी। सभी असलहे थानों में जमा कराए जाएंगे।

Posted By: Inextlive