दागदार वर्दी पर खुफिया नजर
i exclusive
अक्सर लगे हैं आरोप बरेली में भी खाकी कई दफा दागदार हुई है -भोजीपुरा में करीब 6 महीने पहले सोना निकलाने के बहाने ठगी करने वाले गैंग से ही लूटपाट करने और कार से अपहरण कर बंधक बनाने के मामले में तीन पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज हुई थी। -करीब एक साल पहले बरेली के बारादरी थाने में तैनात सिपाही हैदर अली को सट्टे के कारोबार में पकड़ा गया था। वह लंबे समय से इस धंधे में शामिल था। -15 दिन पहले मिनी बाईपास पर कोरियर कंपनी की लूट में भी पकड़ा गया मुखबिर ही था। -बारादरी में सट्टे को लेकर मर्डर हुआ था। इसमें भी चौकी पुलिस का रोल सामने आया था। -कैंट में जुआरियों से रुपए वसूलने में पुलिसकर्मियों का नाम सामने आया था, जिसके बाद दो जुआरियों की मौत के बाद कैंट थाना भी फूंक दिया गया था।-विशारतगंज में एक पुलिसकर्मी पर महिला से रेप करने और फिर उसके पति को धमकाने का आरोप लगा था।
----------- -बरेली में कई पुलिसकर्मी क्रिमिनल एक्टिविटी में रह चुके हैं शामिल -दूसरे जिले में ट्रांसफर होने पर भी भेजी जाएगी रिपोर्ट anil.kumar@inext.co.inBAREILLY: अक्सर क्रिमिनल एक्टिविटी में पुलिसकर्मियों का नाम सामने आता है। ऐसे पुलिसकर्मियों पर खुफिया विभाग की भी नजर रहेगी। अगर किसी अन्य जिले या यूनिट में उनका ट्रांसफर हो जाता है तो एसएसपी को इसकी रिपोर्ट भी वहां के अधिकारी के पास भेजनी होगी। ताकि उसपर पूरी नजर रखी जा सके। डीजीपी का निर्देश मिलने के बाद बरेली में पुलिस अधिकारियों ने ऐसे पुलिसकर्मियों की लिस्ट तैयार करनी शुरू कर दी है।
वर्कशॉप से दें सीख पुलिसकर्मी क्रिमिनल एक्टिविटी में न शामिल हो इसके लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम और वर्कशॉप करने के भी निर्देश दिए गए हैं। इस वर्कशॉप में अच्छे छवि के रिटायर्ड अधिकारियों को भी शामिल किया जाए। पुलिसकर्मियों में टीम भावना पैदा की जाए और उन्हें पुलिस के अनुशासन के बारे में भी बताया जाए। वर्जन क्रिमिनल पुलिसकर्मियों पर नजर रखने का आदेश आया है। जोन में पकड़े गए ऐसे पुलिसकर्मियों की लिस्ट तैयार की जा रही है। कोई और पुलिसकर्मी क्रिमिनल एक्टिविटी न करें इसको लेकर भी कार्रवाई की जा रही है। -प्रेम प्रकाश, एडीजी जोन बॉक्स एडीजी ने गिरफ्तार कराया बर्खास्त सिपाहीBAREILLY: एडीजी जोन प्रेम प्रकाश के सामने सोमवार को रामपुर का बर्खास्त सिपाही मोहम्मद रफी पहुंच गया। वह सिपाही से रंगदारी मांगने के मामले की विवेचना ट्रांसफर कराने का प्रार्थना पत्र लेकर एडीजी के पास पहुंचा था। उसका प्रार्थना पत्र देखकर एडीजी तुरंत समझ गए। उन्होंने उसे अपने ऑफिस में ही बैठा लिया और फिर कोतवाली से पुलिस बुलाकर सुपुर्द कर दिया। सिपाही के खिलाफ वारंट जारी था और रामपुर पुलिस उसकी तलाश में काफी समय से लगी हुई थी।
2006 में हुआ था सस्पेंड बता दें कि सिपाही मोहम्मद रफी रामपुर में तैनात था। वह 2006 में एक साल तक ड्यूटी से गायब रहने पर सस्पेंड कर दिया गया था। बाद में उसे बहाल किया गया था, लेकिन ट्रांसफर मुरादाबाद हो गया था। वह इस दौरान रामपुर से ही तनख्वाह लेता रहा था। उसने रामपुर की स्वॉट टीम में तैनात सिपाही से रंगदारी मांगी थी। मोहम्मद रफी ने सिपाही के सट्टे व अन्य धंधों में लिप्त होने की झूठी शिकायत कर दी थी। वह ट्विटर व वॉट्सएप पर भी अधिकारियों से उसकी शिकायत कर रहा था।