कैंसर लैब स्टेब्लिश करने की कवायद सीएसजेएम यूनिवर्सिटी ने शुरू की थी. अब यह कवायद रंग दिखाने लगी है.


बॉयोसाइंस एण्ड बॉयोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट में फंड मिल चुकने के बाद लैब डेवलप की जा रही है। जून में लैब कम्प्लीट हो जाएगी। अहम बात यह है कि कंपलीशन से पूर्व ही इस लैब मे रिसर्च करने के लिए विदेशी स्टूडेंट्स यूनीवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन से संपर्क कर रहे हैं। इस लैब में रिसर्च का फायदा सिटी के कैंसर पेशेंट को मिलेगा।एक करोड़ से स्टेब्लिश की लैबसीएसजेएमयू के में स्पेशली कैंसर पर रिसर्च के लिए कैंसर लैब स्टेब्लिश की जा रही है। इस लैब के लिए 1 करोड़ रुपए का बजट पास किया गया था। यह फंड यूनीवर्सिटी को स्टेट के टेस्ट में इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिजल्ट के मामले सेकेंड प्लेस मिलने की वजह से स्टेट गवर्नमेंट ने एक करोड़ रुपए दिये था।लैब की कमान वीसी के पास  
कुलपति प्रो। अशोक कुमार रिसर्च वर्क पर फोकस कर रहे है। वो खुद जीव विज्ञान के प्रोफेसर है। इस लैब की कमान उन्होंने खुद संभाल रखी है। उन्होंने बताया कि जब तक वो यूनीवर्सिटी में है तब तक इस लैब को वह खुद संभालेगे। इस लैब को डेवलप करने में उनके मॉरीशस के एक एक्सपर्ट फ्रैड काफी हेल्प कर रहे है। वो साल मे दो बार आकर लैब का स्ट्रक्चर देख कर जरूरी गाइड लाइन दे चुके है। लैब में रिसर्च के लिए जो बेसिक इन्फ्रास्ट्र्क्चर की जरूरत होती है उसका ख्याल रखा गया है। पपीते पर होगी रिसर्चइस लैब में यूआईईटी के  केमिकल इंजीनियरिंग के स्टूडेंट, बायो ग्र्रुप से रिलेटेड रिसर्च वर्क किया जाएगा। मॉरीशस की एक रिसर्च स्कॉलर ने यूनीवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन से रिसर्च करने के बावत सहमति हासिल कर ली है। मॉरीशस के एक्सपर्ट पपीते पर रिसर्च वर्क करेंगे। कैंसर पेशेंट के लिए पपीता काफी उपयोगी है।कैंसर लैब ऑलमोस्ट पूरी हो गयी है। जून तक लैब रिसर्च वर्क के लिए तैयार हो जाएगी। मॉरीशस की एक छात्रा रिसर्च वर्क के लिए आ रही है। इसी के साथ साथ वहीं के एक विशेषज्ञ भी पपीते पर रिसर्च वर्क करेंगे। पपीता कैंसर पेशेंट के लिए अहम है।-प्रो। अशोक कुमार, वाइस चांसलर

Posted By: Inextlive