Allahabad : इस भागदौड़ भरी लाइफ में अगर आपसे ये पूछा जाए कि आप अपने ट्रेडिशन को फॉलो करते हैं तो कुछ ही लोगों का जवाब हां में होगा. लेकिन एनसीजेडसीसी में चल रहे राष्ट्रीय शिल्प मेले में परफॉमेंस देने आए गुजराती आर्टिस्टों का अपने ट्रेडिशन के प्रति लगाव साफ-साफ देखने को मिल रहा है. मास्टर ऑफ बिजनेस एप्लीकेशन व मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन जैसी प्रोफेशनल डिग्री लेने के बाद भी गुजराती यंगस्टर्स अपने कल्चर को लोगों तक पहुंचाने के लिए लगातार स्टेज परफार्मेंस देते हैं. बस इसीलिए राष्ट्रीय शिल्प मेले में भी ये गुजरात की डांडिया व गरबा की परफार्मेंस देने पहुंचे हैं. भावनगर गुजरात का ये मेच्योर ग्रुप पिछले चालीस सालों से स्टेज परफार्मेंस देता आ रहा है. ग्रुप के मुखिया दिलीप दवे पेशे से बिल्डर है और उनका भावनगर में कंस्ट्रक्शन का वर्क चलता है. लेकिन गुजरात की संस्कृति से प्यार के कारण 1973 से वह इस कला के प्रचार प्रसार के लिए जुड़े हुए हैं. उनके ग्रुप में स्टेज परफार्मेंस देने वाले ज्यादातर आर्टिस्ट कॉलेज गोइंग स्टूडेंट्स हैं. जो अपने शौक के कारण ग्रुप से जुड़े हुए हैं. ग्रुप के 14 मेंबर्स में सभी हाई प्रोफेशनल डिग्री धारक हैं...


16 से 55 एज ग्रुप के हैं टीम मेंबर्समेच्योर ग्रुप चलाने वाले दिलीप दवे के मुताबिक उनके ग्रुप में 16 से लेकर 55 साल एज तक के कुल 40 मेंबर्स शामिल हैं। परफार्मेंस के दौरान सब का काम अलग-अलग होता है। स्टेज शो के दौरान गरबा व डांडिया की परफार्मेंस देने वाले मेंबर्स में ज्यादातर यंगस्टर्स को ही शामिल किया जाता है। जिससे परफार्मेंस के साथ पूरी एनर्जी बनी रहे।  गरबा व डांडिया की है कई variety


गरबा एक ऐसा डांस फॉम है, जिसमें वैरायटी की भरमार है। फसल के बुआई से लेकर उसके काटने तक के दौरान अलग-अलग डांस का आयोजन गुजरात में होता है। इसकी वैरायटी में रासड़ा, प्राचीन गरबा, नोक नृत्य, पिटसी, हूडो, खेहूत नृत्य और काठियावाड़ी फोक डांस शामिल है। मेच्योर ग्रुप की ओर से संडे को शिल्प मेले में काठियावाड़ी फोक डांस की प्रस्तुति की गई। इस डांस फॉम को किसी भी शुभ काम के दौरान किया जाता है। डांस ग्रुप हेड दिलीप बताते हैं कि गुजरात के गरबा में वैरिएशन है, जो इसे दूसरे स्टेट के फोक डांस से अलग बनाता है। देश भर में देते है dance performance

भावनगर का डांस ग्रुप अब तक देश के कई स्टेट व सिटी में अपनी परफार्मेंस दे चुका है। दिल्ली में भी बीते दिनों अमेरिका से आए डेलिगेशन के लिए ग्रुप की ओर से स्पेशल परफार्मेंस दी गई थी। इसके अलावा विशाखापट्टनम्, मुम्बई, यूपी, आंध्र प्रदेश समेत कई स्टेट इसमें शामिल हैं। लास्ट इयर ग्रुप ने नेपाल में भी अपनी परफार्मेंस दी थी, जिसके बाद वहां के संस्कृति मंत्री ने ग्रुप के मुखिया को सम्मानित किया था। पांच साल की उम्र से गरबा कर रही हूं। एमसीए करने के दौरान भी गरबा से प्यार नहीं छूट सका। अभी तो जॉब सर्च कर रही हूं, लेकिन जॉब के दौरान भी इसको कंटीन्यू करूंगी। शिवांगी दवे- फ्यूचर में लेक्चरर बनाने का ऐम है। इसलिए पीएचडी की तैयारी चल रही है। लेकिन उसके साथ स्टेज शो भी जारी रहेगा। प्रिया दवे- फाइनेंस से एमबीए करने के दौरान भी स्टेज परफार्मेंस देती थी। आगे भी चलती रहेगी। क्योंकि गरबा व डांडिया तो खून में बसा है। इसके बगैर जिन्दा ही नहीं रह सकती हूं।विमल कनाडा- अभी तो पूरा कॉन्सट्रेट इसी पर है, आगे चल कर फ्यूचर भी इसी फील्ड में बनाना है। खुशबू

Posted By: Inextlive