जून क्रांति के शहीदों की याद में निकाली गयी चार कदम शहीदों के नाम यात्रा

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पहली आजादी 7 जून से 16 जून 1857 की याद में जरा याद करो कुर्बानी महोत्सव की शुरुआत शुक्रवार को आईजा मोहित अग्रवाल ने की. इस मौके पर बैंड बाजे के साथ चार कदम शहीदों के नाम यात्रा निकाली गयी. इसकी अगुवाई खुद आईजी कर रहे थे. इस मौके पर आईजी ने इलाहाबाद के स्वर्णिम इतिहास को सराहते हुए कहा कि हमें अपने पूर्वजों पर गर्व है. इतिहास में प्रयागराज की पहली आजादी का उल्लेख एक या दो लाइन में है लेकिन दस्तावेजों में 10 दिनों तक प्रयागराज आजाद रहा. जब पहली बार आयोजकों ने मुझे इस बात की जानकारी दी तो विश्वास नहीं हुआ. लेकिन, सत्य तो यही है कि हम 1857 में ही आजाद हो गये थे. उन्होने अगले वर्ष से और बृहद स्तर पर आयोजन की बात कही.

चौक से निकली यात्रा खुशरोबाग तक गयी

सिविल इवैल्यूवेशन फाउंडेशन के तत्वावधान में चौक नीम के पेड़ से निकली यात्रा खुसरो बाग तक गयी. यह वही स्थाना है जहां क्त्रांतिकारियों ने अपना मुख्यालय बनाया था. संयोजक वीरेन्द्र पाठक ने बताया कि 7 जून से 16 जून तक विद्रोहियों ने अंग्रेजों से सत्ता छीन ली और मौलवी लियाकत अली तथा सरदार रामचंद्र की अगुवाई में प्रशासन चलाया. बाद में कर्नल नील द्वारा क्रूर दमन करने के पश्चात विद्रोही पीछे हटे. वक्ताओं ने 3 वर्ष से पहली आजादी महोत्सव मनाने का जिक्र करते हुए प्रशासन की भागीदारी और जन सहभागिता बढ़ाने पर जोर दिया. अंत में ज्ञात-अज्ञात शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. डॉ प्रमोद शुक्ला, आशुतोष संड, अनिल गुप्ता, अजय शर्मा, कृष्ण मोहन चौधरी की मौजूदगी महत्वपूर्ण रही. संचालन अरविंद जी ने किया.

कोतवाली में दिखेगी ननका जी की शहादत

कोतवाली में शहीद ननका जी की जानकारी लगायी जायेगी, यह घोषणा आईजी मोहित अग्रवाल ने की. बता दें कि 12 अगस्त 1942 में 30 वर्ष के नवयुवक ननका जी ने कोतवाली के ऊपर यूनियन जैक को उतार कर तिरंगा लगा दिया था. पकड़े जाने पर अंग्रेजों ने उन्हें गोली मार दी थी.

Posted By: Vijay Pandey