3 महीने से नहीं मिल रहा बच्चों को मिड डे मील

मिड डे मिल को लेकर उठे सवाल, आखिर कौन खा गया बच्चों का राशन

अधिकारी एक दूसरे पर टाल रहे मामला, घपले की आशंका

केस-1

पूर्व माध्यमिक विद्यालय नंगलामल, रजपुरा ब्लॉक के जूनियर लेवल के 100 से अधिक बच्चों के लिए अक्टूबर माह से राशन नहीं पहुंचा है, स्कूल ने संबंधित लेटर भी कई बार लिखा है।

केस-2

पूर्व माध्यमिक विद्यालय मोरीपुर, मेरठ में प्राइमरी लेवल का राशन नहीं पहुंचा है, यहां प्राइमरी व जूनियर के 300 बच्चे हैं। राशन तीन माह से नहीं पहुंचा है।

केस-3

पूर्व माध्यमिक विद्यालय, भैंसा में भी 300 बच्चों का राशन चार माह से नहीं पहुंचा है, मामले में डीलर गोदाम पर माल न पहुंचना बता रहा है।

Meerut बेसिक स्कूलों में बच्चों के पोषण के लिए दिया जाने वाला निवाला आखिर 3 महीने से कौन छीन रहा है इसका कुछ पता नहीं लग रहा है। ऐसे में सैकड़ों बच्चे जो बिना निवाले के ही स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं, सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वाकांक्षी योजना मिड मिल को लगातार तीन महीनों से पलीता लगाया जा रहा है, ऐसे में अधिकारी भी अपनी जवाबदेही से टालमटोल कर रहे हैं।

योजना को पलीता

सरकार द्वारा बच्चों के पोषण के लिए एवं उनकी रुचि स्कूलों में बढ़े इसके लिए मिड डे मिल की योजना चलाई है, जिसके तहत स्कूलों में प्राइमरी एवं जूनियर माध्यमिक लेवल के बच्चों को मिड डे मील दिया जाता है। योजना को जनपद के कई स्कूलों में धड़ल्ले से पलीता लगाया जा रहा है, हालात तो ये हैं डीलर स्तर से पहुंचाया जाने वाला राशन स्कूलों में तीन से लेकर पांच माह तक अभी तक पहुंचाया ही नही गया है, ऐसे में सैकड़ों बच्चों का निवाला कहां जा रहा है इसका भी कोई जवाब देने को तैयार नहीं है, जबकि स्कूली स्तर से इसको लेकर कई अधिकारियों को लिखित शिकायत भी की गई है।

कौन खा गया राशन

मेरठ जनपद के महज तीन ही स्कूलों के केस काफी नहीं, बल्कि ऐसे काफी स्कूल्स है जिनके डीलर स्कूलों में मिड डे मिल के तहत राशन नहीं दे पाए है, ऐसे में संबंधित शिकायतें बीएसए, खंड शिक्षा अधिकारी व डीलर को लिखित रुप से भेजी जा रही है, लेकिन हर कोई एक दूसरे पर टाल रहा है और अपना पल्ला झाड़ रहा है।

कैसे पहुंचता है राशन

दरअसल, विभाग से बजट पास होता है, टेंडर में पास हुए गोदाम से संबंधित डीलर कच्चा राशन उठाकर स्कूलों में पहुंचाता है, लेकिन डीलर यहां गोदाम संचालकों से माल नहीं मिल पा रहा है, ऐसा आरोप लगा रहे हैं।

नहीं है गोदाम में नाम

डीलरों से बात करने पर यही जवाब दे रहे हैं कि उनको गोदाम से माल नहीं मिल रहा है, गोदाम संचालकों का कहना है कि उनके यहां लिस्ट में जिस स्कूल का नाम होगा उसी को माल दिया जाएगा, उधर अधिकारियों का कहना है कि विभाग की तरफ से तो संबंधित बजट पास है, ऐसा क्यों हो रहा है उसका पता करना होगा। सबकुछ गोलमाल चल रहा है।

घपले के है आसार

सूत्रों की माने तो बीआरसी से अक्टूबर में ही सभी कागजात संबंधित गोदाम में पास कर भेज दिए गए थे, जिसके बाद डीलर भी पूरा राशन गोदाम से दिसम्बर तक उठा चुका था। इसके बावजूद भी राशन नहीं पहुंचाया, सूत्रों के अनुसार बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी इस शिकायत की पूरी सूचना है, लेकिन बावजूद इसके कोई एक्शन नहीं लिया गया, बीएसए भी शिकायत के संबंध में जानकारी होने को लेकर टाल रहे हैं। जबकि शिकायत पत्र में कॉपी टू बीएसए साफ लिखा हुआ है, ऐसे में कैसे बीएसए जानकारी न होने की बात कर रहे हैं।

नहीं हो सकी बात

इस मामले में कई गोदाम संचालकों से बातचीत करने का प्रयास किया गया, लेकिन गोदाम प्रभारी से बात नहीं हो सकी।

क्या कहते हैं डीलर

कई महीनों से जूनियर लेवल का राशन नहीं पहुंचा है, ऐसे में बच्चों का नुकसान हो रहा है, इस संबंध में कई बार शिकायत पत्र लिखे हैं।

मुन्नी देवी, प्रधान, ग्राम पंचायत नंगलामल, रजपुरा ब्लॉक मेरठ

तीन महीने से बच्चों को दो स्कूलों में राशन नहीं पहुंच पाया है, ऐसे में बच्चों को काफी दिक्कतें हो रही हैं।

शाहदेव, प्रधान ग्राम, कसरुदीनपुर, मेरठ

मेरे अंडर में दो स्कूल है, मैनें एक का राशन पहुंचा दिया था। दूसरे का राशन मुझे जितना मिला उतना स्कूल को दिया है, बाकी मुझे गोदाम से हीं नही मिला है, ऐसे में मैं कैसे दे देता, मैं कोशिश कर रहा हूं स्कूल को राशन मिले।

वेदपाल, डीलर

हमने तो दिसम्बर से पहले ही सारे कागज चेक कर गोदाम को भेज दिए थे। जिसके बाद से गोदाम से सामान उठाया होगा, हो सकता है सामान उठा लिया हो देना रह गया हो।

धीरज, बीआरसी

नहीं है जानकारी

ऐसा हो नहीं सकता, सामान दिया होगा, मैं इसके बारे में पता करता हूं, सबको राशन पहुंच रहा है समय पर पहुंच रहा है।

सतेंद्र चंद ढाका, बीएसए

Posted By: Inextlive