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क्कन्ञ्जहृन् : पीएम की अपील पर सब्सिडी छोड़ने वाले कस्टमर्स अब फिर सब्सिडी लेना चाहते हैं। जरूरतमंदों को लाभ देने के उद्देश्य से शुरू की गई 'गिव इट अप' योजना में शामिल बिहार के रसोई गैस उपभोक्ता अब इससे बाहर निकलने लगे हैं। हजारों कस्टमर्स सब्सिडी फिर से लेने लगे हैं। यह सिलसिला लगातार जारी है।

तेजी से बढ़ी है रसोई गैस की कीमत

जब यह योजना शुरू हुई थी तो 14.2 किलो वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 460 रुपए थी, और प्रति सिलेंडर सब्सिडी 160 रुपए मिलती थी। फिलहाल रसोई गैस सिेलंडर की कीमत 976.50 रुपए है और सब्सिडी की राशि 465.17 रुपए है। यानी फिलहाल जितनी सब्सिडी मिल रही है उतने में तब पूरा सिलेंडर ही मिल जाता था।

पीएम की अपील पर शुरू हुई थी योजना

गिव इट अप अभियान 27 मार्च 2015 को शुरू हुआ था। नई दिल्ली में ऊर्जा केंद्रित वार्षिक शिखर सम्मेलन 'ऊर्जा संगम-2015' के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे लांच किया था। इस अभियान के तहत संपन्न तबकों से अनुरोध किया गया था कि वे अपनी रसोई गैस सब्सिडी को छोड़ दें ताकि जरूरतमंद लोगों के घर भी चूल्हा जल सके।

बिहार में दिख रहा असर

बिहार में भी इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया। रसोई गैस सब्सिडी छोड़ने वाले उपभोक्ताओं को विशेष सम्मान देने की पहल भी हुई। ताजा आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल बिहार में आइओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल के डेढ़ करोड़ रसोई गैस कस्टमर्स हैं। कुल एलपीजी कस्टमर्स में 'गिव इट अप' स्कीम में 4.18 लाख ग्राहक शामिल हैं। यानी ये कस्टमर्स अपनी रसोई गैस सब्सिडी नहीं लेते हैं। अब कस्टमर्स फिर से रसोई गैस सब्सिडी पाने के लिए आवेदन कर रहे हैं।

रसोई गैस सब्सिडी छोड़ने के बाद इसे वापस पाने के लिए भी कस्टर्स आवेदन दे रहे हैं। हालांकि इनकी संख्या बेहद कम है। इसके लिए प्रतिदिन आठ से दस आवेदन ही इस तरह के मिल रहे हैं।

-डॉ। रामनरेश सिन्हा, महासचिव, बिहार एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन

Posted By: Inextlive