भारतीय दल के साथ ग्‍लासगो पहुंचे अधिकारियों का कहना है कि यहां के खेल गांव की सुविधायें प्रशंसनीय नहीं हैं. उनका मानना है कि दिल्‍ली की सुविधायें काफी बेहतर थीं.


दिल्ली के आगे नहीं टिकतीकॉमनवेल्थ गेम्स 2010 के खेल गांव में सुविधाओं की कमी के लिये कुद देशों ने भारत की आलोचना की थी, लेकिन यहां अधिकारियों ने कहा कि ग्लासगो में जो सुविधायें दी जा रही हैं वह दिल्ली में हुये टूर्नामेंट की तुलना में कहीं नहीं टिकती. भारतीय दल के मिशन प्रमुख राज सिंह ने कहा कि खेल गांव में जगह की कमी है जबकि प्लेयर्स को अपर्याप्त बाथरूम और टीवी सेट से काम चलाना पड़ रहा है. दिल्ली में हमने प्रत्येक अपार्टमेंट के साथ बाथरूम मुहैया कराया था. उन्होंने कहा कि जिम में प्लेयर्स के एक साथ कसरत करने के लिये काफी सामान नहीं है और इसमें जगह की कमी है. इसके अलावा पर्याप्त टेलीविजन नहीं हैं.खाना में भी कमी
खाने के बारे में राज सिंह ने कहा,'खाने में विविधता की कमी है. दिल्ली में हमने 200 से अधिक व्यंजन मुहैया कराये थे लेकिन यहां पर्याप्त व्यंजन नहीं है.' एथलेटिक्स के मुख्य कोच बहादुर सिंह भी राज सिंह से पूरी तरह सहमत हैं. उन्होंने कहा कि ग्लासगो के खेलगांव में दिल्ली की तुलना में आधी सुविधायें भी नहीं हैं. इसके साथ ही बहादूर ने कहा,'आप यहां ग्लासगो की सुविधाओं की तुलना दिल्ली से नहीं कर सकते. हमने जो दिल्ली में दिया वह कहीं बेहतर था. मैं कहूंगा के यहां की सुविधायें दिल्ली की तुलना में 50 परसेंट भी नहीं हैं.'

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari