-साइबर क्राइम के मामले में अकाउंट में पैसा डलवाने वालों पर भी होगी कार्रवाई

-साइबर ठगी के मामलों में नहीं आ रही है कोई कमी

केस 1-

बिथरी चैनपुर की कुंआडांडा निवासी पुष्पा के बैंक अकाउंट से 6 दिसंबर को साइबर ठगों ने एटीएम डिटेल पूछकर करीब 1 लाख रुपए निकाल लिए थे। पुष्पा बैंक और बिथरी चैनपुर थाना गई थी, लेकिन थाने का एरिया न होने की बात कहकर रिपोर्ट दर्ज नहीं की। जिसके बाद उसने 14 जनवरी को यूपी कॉप एप से शिकायत कर रिपोर्ट दर्ज करायी।

केस 2-इज्जतनगर के रहने वाले मुरारीलाल के अकाउंट से साइबर ठगों ने एटीएम का पिन पूछकर 49 हजार रुपए निकाल लिए थे। उसने हाफिजगंज थाना में तहरीर दी लेकिन उसे एरिया का बहाना बनाकर टरका दिया था। जब यूपी 100 कॉप शुरू हुआ तो उसने शिकायत की तब जाकर उसकी एफआईआर दर्ज की गई।

बरेली -साइबर क्राइम पर रोक लगाने और ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए डीजीपी लगातार सख्त निर्देश जारी कर रहे हैं, लेकिन पुलिस पर इसका कोई असर नहीं दिखता है। पुलिस साइबर ठगी के मामलों की एफआईआर दर्ज करने में ही आनाकानी करती है। मुरारी लाल और पुष्पा के साथ भी ऐसा हुआ था। इन दोनों की तरह न जाने कितने पीडि़त पुलिस और बैंक के चक्कर लगाते रहते हैं। अब एक बार फिर से साइबर क्रिमिनल पर सख्ती बरतने के आदेश जारी हुए हैं। अब पुलिस को साइबर ठगी केस में जिसके अकाउंट में रकम ट्रांसफर की जाएगी, उसके खिलाफ भी कार्रवाई करनी होगी।

पीडि़त निवास के थाने में करा सकता है रिपोर्ट

अक्सर पुलिस पीडि़त और बैंक के अलग-अलग स्थान का बहाना बनाकर उसे चक्कर लगवाती है। जब पीडि़त अपने निवास स्थान वाले थाने में जाता है तो उसे कह दिया जाता है कि बैंक से रुपए निकले हैं, इसलिए उस थाने में रिपोर्ट कराओ, इसी तरह से बैंक वाले थाने की पुलिस टरका देती है। उसके बाद मजबूरन पीडि़त को अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इस प्रॉब्लम को खत्म करने के लिए डीजीपी ने सख्त निर्देश जारी किए थे कि अब पीडि़त अपने निवास स्थान वाले थाने में रिपोर्ट दर्ज करा सकता है, क्योंकि साइबर ठगी में रकम ऑनलाइन ट्रांसफर होती है। इस आदेश का अभी तक कोई असर नहीं पड़ा है।

इन लोगों के खिलाफ होगी कार्रवाई

-कॉल सेंटर्स ओपन कर लोगों को फोन कर उनके अकाउंट की डिटेल लेकर रुपए ट्रांसफर करने वालों पर भी कार्यवाही की जाए।

-जिस अकाउंट में रुपए ट्रांसफर होकर जाएंगे, उसके खिलाफ भी नोटिस देकर कार्रवाई की जाएगी

-इस काम में कोई व्यक्ति या फर्म, व्यापारी या कोई और भी होगा तो उसे भी आरोपी बनाया जाएगा

-किसी भी वेबसाइट में घुसपैठ कर ठगी करने वालों को भी चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी

-ई-वैलेट या बैंक अकाउंट से रुपए ट्रांसफर होने पर केवाईसी की जांच की जाए और इसमें शामिल स्टाफ के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए

-जिस भी नंबर से कॉल की जाए, उसके सिम की जांच की जाए और फिर उसके खिलाफ भी एक्शन लिया जाए

-साइबर क्राइम में इस्तेमाल मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट की फोरेंसिक जांच कर विवेचना में शामिल किया जाए

-यदि कोई शख्स या व्यापारी अपने ई-वैलेट या अकाउंट में रुपए ट्रांसफर कराकर साइबर क्रिमिनल को नकद देता है, तो उसे भी आरोपी बनाया जाए

-यदि विवेचना में किसी को कोई प्रॉब्लम हो तो डिस्ट्रिक्ट लेबल पर साइबर क्राइम व अपराधियों से सलाह ले और नोएडा साइबर सेल से भी सलाह ले सकता है।

फैक्ट्स

-190 केस पूरे वर्ष में साइबर क्राइम सेल के पास साइबर ठगी के पहुंचे

-20 लाख रकम साइबर ठगों ने अकाउंट से उड़ाई

-13 केस साइबर ठगी के यूपी 100 के पास भी पहुंचे

-2 केस यूपी कॉप के जरिए अभी तक हुए दर्ज

-1 साइबर क्रिमिनल को ही पुलिस पकड़ सकी

Posted By: Inextlive