एसएसपी आगरा का नाम लेकर शातिर ने किया कॉल

अकाउंट में पांच हजार रुपये जमा कराए

एसओ बड़पुरा की सूझबूझ से पकड़ में आया मामला

आगरा. साइबर अपराधियों से पुलिस भी नहीं बच पा रही है. एक शातिर ने खाकी को ही निशाना बना लिया. एसएसपी आगरा के नाम पर पहले तो इटावा के तीन थानों में कॉल किया. प्लानिंग के साथ एसओ से मोबाइल बैंकिग के जरिए पांच हजार रुपये जमा करा लिए. दूसरे थाने के एसआई ने जब एसएसपी से बात की तो मामले का खुलासा हुआ. अब पुलिस शातिर की तलाश कर रही है.

खुद को बताया क्राइम ब्रांच से

मामले के मुताबिक शातिरों ने गुरुवार को सैफई एसओ चंद्रदेव यादव को उनके सीयूजी नंबर पर कॉल कर खुद को क्राइम ब्रांच आगरा से एसआई अरुण कुमार बताया. उसने बोला कि आपके एरिया में तीन चोरी की गाडि़यां हैं. उसने रौब गांठते हुए बोला कि कप्तान साहब बात करेंगे. इसके बाद मोबाइल दूसरे शातिर को पकड़ा दिया. दूसरे शातिर ने एसएसपी आगरा अमित पाठक बनकर बात की.

कप्तान का नाम और नम्बर पूछा

शातिर ने पूछा कि तुम्हारे एसएसपी कौन हैं. उनका सीयूजी नंबर बताओ. इसके बाद बोला कि चोरी की गाड़ी हाथ आ सकती है. मुखबिर आपके एरिया का है. इसके बाद मुखबिर का नम्बर भी दे दिया. थाना प्रभारी ने कॉल किया तो मुखबिर ने बोला कि मैं होटल में हूं, मैं आपके पास आ जाऊंगा पर मुझे कुछ रुपयों की जरुरत है.

शातिर ने बोला कि पहले अकाउंट में पांच हजार रुपये जमा करा दीजिए. इंस्पेक्टर ने भी बिना कुछ सोचे गुडवर्क को ध्यान में रखते हुए मोबाइल बैंकिंग के जरिए पांच हजार रुपये एकाउंट में जमा करा दिए. खाता पीएनबी का था.

एसएसपी से बात करने पर हुआ खुलासा

शातिरों ऐसे ही थाना प्रभारी बड़पुरा और थाना प्रभारी ऊसराहार को कॉल किया, लेकिन थाना प्रभारी बड़पुरा जितेंद्र सिंह ने सीधे एसएसपी आगरा से बात की. बात करने के बाद झूठ का खुलासा हो गया. पुलिस ने पड़ताल की तो नम्बर की लोकेशन बुलंदशहर की निकली. कप्तान बन कर कॉल करने वाला बुलंदशहर के जैनपुर निवासी नितिन बताया जा रहा है. वह पहले भी कई बार जेल जा चुका है.

मामला संज्ञान में आया है. कॉल करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

अमित पाठक, एसएसपी

Posted By: Vintee Sharma