-बरेली में साइबर ठगी करने वाला झारखंड का साइबर ठग पुलिस के हत्थे चढ़ा

- मोबाइल डिलीवरी के बहाने साइबर सेल ने मिलने के लिए बुलाया था

बरेली- वह इंडिया का सबसे बड़ा साइबर क्रिमिनल बनना चाहता था। इसके लिए वह हैदराबाद के रिचेस्ट पर्सन के बारे में इंटरनेट पर सर्च करता था। क्योंकि, वह उसके जैसा ही बनना चाहता था। वह बरेली, असम, शिमला और बिहार के डॉक्टर्स के मोबाइल नंबर भी सर्च करता था, ताकि उन्हें ठग सके। लेकिन एक गलती ने उसेइंडिया का करोड़पति साइबर क्रिमिनल बनने से रोक दिया। इसी गलती के कारण वह बरेली की साइबर सेल के जाल में फंस गया और सलाखों के पीछे पहुंच गया। झारखंड के जामताड़ा का यहसाइबर ठग साइबर सेल की टीम से ही ऑनलाइन बुक कराए गए मोबाइल डिलीवरी लेने पहुंच गया था। उसने यह मोबाइल बरेली के एक व्यक्ति के अकाउंट को हैक कर बुक कराया था। पुलिस पूछताछ में उसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं।

बरेली मिली लोकेशन

एसपी क्राइम रमेश कुमार भारतीय ने ने बताया कि 26 दिसंबर को गोल्डन ग्रीन पार्क निवासी रिटायर्ड रेलवे अधिकारी ज्ञानेश बाबू से किसी ने बैंक अधिकारी बनकर साइबर ठगी की थी। ज्ञानेश की शिकायत पर साइबर सेल ने जब जांच शुरू की तो पाया कि जिस नंबर से उन्हें कॉल आई थी, वह झारखंड की आईडी पर रजिस्टर्ड था। लेकिन फोन की लोकेशन बरेली की निकली। इसके बाद साइबर सेल ने जब ज्ञानेश के बैंक अकाउंट को चेक किया तो सामने आया कि उनके अकाउंट से तीन बार ऑनलाइन शॉपिंग की गई थी। किसी साइट से नया मोबाइल बुक कराने के साथ 10 हजार रुपए सिम रिचार्ज कराने में भी खर्च किए गए थे।

ऐसे पकड़ा गया

इसके बाद साइबर सेल ने ऑनलाइन शॉपिंग साइट का प्रतिनिधि बनकर उस नंबर पर फोन किया, जिससे ज्ञानेश बाबू को कॉल आई थी। फोन उठाने वाले से पूछा कि मोबाइल कहां डिलीवर करना है? उसने बरेली का पता दिया। टीम उसके बताए एड्रेस पर पहुंची तो उसने रजऊ बुला लिया। जैसे ही वह पुलिस के सामने आया उसे दबोच लिया गया।

पुलिस पूछताछ में खुलासे

पुलिस पूछताछ में साइबर ठग ने अपना नाम गुडडू मंडल और पता झारखंड के जामताड़ा जिले में सियाटांड बताया। गुड्डू के मुताबिक, उसकी बहन निशा की शादी रजऊ के नेम सिंह यादव से हुई है और वे एक ईट भट्टे पर रहते हैं। वह अपनी बहन के पास आया था तो उसने बरेली में ही फोन की डिलीवरी मांगी थी।

पेड़ के नीचे साइबर ठगी सीखी

गुडडू ने बताया कि उसके गांव में अधिकांश युवा साइबर ठगी के अपराध में लिप्त हैं। सभी ने पेड़ के नीचे बैठकर साइबर ठगी की ट्रेनिंग ली है। उसने अपने क्लासमेट से ट्रेनिंग ली थी। ट्रेनिंग के दौरान उसे इंटरनेट पर मोबाइल के नए नंबरों की सीरीज सर्च करने के साथ लोगों से बैंक अफसर बनकर बातचीत करना सिखाया जाता था। फिर लोगों को बरगलाकर उनसे कैसे उनकाबैंक डिटेल लेना है यह भी बताया जाता था।

7 तरह के एप मिले

गुड्डू के मोबाइल में एम पैसा, भीम, एसबीआई, आक्सीजन वैलेट, पे फोन जैसे 7 मोबाइल एप मिले हैं। उसकी गूगल सर्च हिस्ट्री में रिचेस्ट पर्सन ऑफ हैदराबाद, करोड़पति साइबर क्रिमिनल ऑफ इंडिया, मोबाइल कंपनियों के नंबर, बैंक के आईएफसी कोड, मोबाइल ट्रेकर, एयरहोस्टेज ऑफ इंडिया, बरेली, असम, बिहार और शिमला के डॉक्टर्स के नंबर, पेटीएम ऑनलाइन रिचार्ज की जानकारी भी मिली है।

यह देख चौंक गई पुलिस

उसके ठगी के तरीके को जानने के लिए पुलिस ने उससे क्राइम ब्रांच के ही एक एसआई को ठगी के लिए फोन लगवाया। उसने बाकायदा बैंक अधिकारी बनकर कॉल कर उससे बैंक डिटेल मांगे। एसआई ने जब उसे हड़काया तो वह डरा नहीं। उल्टे एसआई को बैंक अधिकारी से बात करने का सलीका समझाने लगा।

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Posted By: Inextlive