prayagraj@inext.co.in

PRAYAGRAJ: तैयारी करो, परीक्षा दो, सड़क पर आन्दोलन करो, कोर्ट में लड़ाई लड़ो और परीक्षा कैंसिल हो जाए तो फिर से यही क्रम। युवाओं का यह दर्द उभरकर सामने आया दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के मिलेनियल्स स्पीक कार्यक्रम में। इसमें युवाओं ने बताया कि आज युवा कैसे कमरे में पढ़ाई की बजाय सड़क पर उतरकर आन्दोलन करने को मजबूर हैं? आगामी लोकसभा चुनाव से पहले युवाओं से उनके एजेंडे पर बात की गई तो उन्होंने एक-एक करके सरकारी सिस्टम की पोल खोलकर रख दी।

हर भर्ती पर लगता है अड़ंगा

युवाओं से देशभर में रोजगार के अवसरों पर बात की गई तो उन्होंने साफ कहा कि सरकार रोजगार दे पाने के मामले में फेल्योर साबित हुई है। जो भी नौकरियां आ रही हैं। उसमें कभी पेपर आउट की घटनाएं सामने आ रही हैं तो कभी परीक्षा केन्द्रों पर ही परीक्षा सही तरीके से नहीं कंडक्ट हो पा रही है। बहुत सारी ऐसी प्रतियोगी परीक्षाएं हैं। जिनके रिजल्ट निकलने तक के इंतजार में ही युवा पीढ़ी उम्रदराज हो जा रही है। बातचीत में युवाओं का फोकस ऑनलाइन एग्जाम सिस्टम पर भी रहा। उन्होंने कहा कि सरकार ऑनलाइन की ओर तेजी से जा रही है। लेकिन काम्पटीशन के ऑनलाइन एग्जाम का हाल ये है कि साइबर गैंग उसमें भी तेजी से सेंधमारी करने में सफल साबित हो रहा है।

पैसा लेकर बनाएंगे केन्द्र तो

बातचीत में यह बात सामने आई कि साफ सुथरी परीक्षा से इतर ऑनलाइन एग्जाम उतना ही रिस्की होता जा रहा है। बेरोजगारों के हित में उन्होंने ऑनलाइन सिस्टम का सपोर्ट किया। साथ ही कहा कि इसके लिए जरुरी है कि साइबर सिक्योरिटी को फुल प्रुफ बनाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी मशीनरियां जो भी कोशिशें कर रही हैं। उसकी काट साइबर माफिया उतनी ही तैयारी के साथ ढूंढ़ ले रहे हैं। युवाओं ने जोर देकर कहा कि आज स्थिति यह है कि ऑनलाइन एग्जाम करवाने के लिए पैसा देकर लापरवाही के साथ परीक्षा केन्द्र बनाए जा रहे हैं।

कम मेरिट वालों को बैठाएंगे तो यही होगा

भर्तियों में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जब आयोगों और विभिन्न भर्ती बोर्डो में कम योग्य लोगों को चेयरमैन और मेम्बर बनाया जाता है तो भ्रष्टाचार की शुरुआत वहीं से हो जाती है। ऐसा ही उन्होंने देशभर की यूनिवर्सिटीज में होने वाली कुलपतियों के चयन के बारे में भी कहा। उन्होंने कहा कि जब तक बड़े ओहदों पर जात-पात, सिफारिश और पैसा ले देकर नियुक्तियां होती रहेंगी, भर्तियों में भी भ्रष्टाचार नहीं रुकने वाला।

-------

कड़क मुद्दा

मेरी बात

जो सरकार भारत को पुन: विश्वगुरु के रुप में स्थापित करे। मैं उसे अपना वोट दूंगा। इसके अलावा मैं राम मंदिर का निर्माण करने का दावा करके सत्ता में आई सरकार की भी समीक्षा करुंगा। लोगों को नहीं भूलना चाहिए कि वर्तमान सरकार आज भी राम मंदिर का निर्माण करने की बात पुरजोर ढंग से कर रही है।

अभिनव शर्मा

ऐसा नहीं है कि रोजगार की कमी है। जिनके अंदर क्षमता है। उन्हें नौकरी मिल रही है। मेरी राय में यह प्रोपोगेंडा कुछ ज्यादा ही फैलाया जा रहा है। जो लोग मेरिट के आधार पर चयन की बात करते हैं। उनके लिए आरक्षण समेत दूसरी बातें बेमानी हो जाती हैं। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि मैं आरक्षण विरोधी हूं। आज सभी वर्ग को आरक्षण मिल चुका है।

रंजीत कुमार श्रीवास्तव

हमें एक ऐसी सरकार की जरुरत है जो युवाओं को निष्पक्ष तरीके से रोजगार दे। आखिर वे कौन से कारण हैं कि चुनाव वाले साल से कुछ पहले रोजगार की बातें भी होने लगती हैं और भर्तियां भी निकलना शुरु हो जाती हैं? यह ठीक स्थिति नहीं है। पूरे पांच साल नौकरी देने वाली सरकार चुनना है।

ब्रजकिशोर यादव

मुझे ऐसी सरकार चुननी है जो युवाओं के बेहतर भविष्य की कल्पना को साकार करे। मेरी अपील है कि आपका वोट बहुत कीमती है। ऐसे में ईमानदारी से आंकलन करें और बिना किसी पूर्वाग्रह से ग्रसित हुए वोट करें। बहुत ईमानदारी से कहूं तो युवाओं के लिए बहुत निराशाजनक स्थिति है।

बुंदेलखंडी राहुल लोदी

हमें भ्रष्टाचार का विकेन्द्रीकरण करने वाली सरकार नहीं चाहिए। हमें ऐसी सरकार चाहिए जो ईमानदारी से काम करने वालों को केन्द्रीत करके एकजुट बनाए। ताकि बेहतर काम का परिणाम निकलकर सामने आ सके और देश व समाज में सकारात्मक बदलाव आ सके। क्योंकि, ऐसे ही समाधान का रास्ता निकलेगा।

बृहस्पति मणि त्रिपाठी

जेल से चुनाव लड़ने वालों पर रोक लगनी चाहिए। जनता को उन्हें नहीं चुनना चाहिए जो आपराधिक प्रवृत्ति के हों। एक बात और महत्वपूर्ण है। ऐसे नेताओं की पहचान भी करनी होगी जो मौजूदा हालात में खुद के उद्देश्य के लिए सेना पर सवाल उठा रहे हैं। आज ऐसा समय है जब हमें तर्कसंगत तरीके से विचार करके सरकार चुननी है।

पुष्पराज सिंह

आज समाज में अमीर और गरीब की खाई चौड़ी होती जा रही है। इसलिए ऐसी सरकार की जरुरत है जो अमीर और गरीब के बीच के अंतर को कम कर सके। हर हाथ को काम, गरीब को रोटी और राष्ट्र की संप्रभुता के लिए काम करने वाले को ही मैं अपना वोट दूंगा।

शिवम शुक्ला

--------

आज का डिस्कशन

आज बहादुरगंज स्थित बड़ा दायरा में दोपहर 02 बजे से मिलेनियल्स स्पीक में लोग रखेंगे डिफरेंट इश्यूज पर अपनी बात।

डिस्कशन में शामिल युवाओं ने कहा कि आज सीबीआई और ईडी जैसी बड़ी संस्थाओं का हाल ये है कि उनके खिलाफ भी बड़े दावे के साथ बातें की जा रही हैं। युवाओं का कहना था कि एक समय था जब कहीं सीबीआई की रेड होती थी तो दहशत हो जाया करती थी। लेकिन आज कहीं पर भी सीबीआई जा रही है तो यह कोई बड़ी बात नहीं मानी जाती। एक लाइन में लोग कहना शुरु कर देते हैं कि सरकार निजी इस्तेमाल के लिए उत्पीड़न करवा रही है।

-------

सतमोला

सरकारों का यह सोचना होगा कि नौकरशाही के साथ तालमेल कैसे स्थापित किया जाए? जब भी कभी आवश्यकता से अधिक सरकार का हस्ृतक्षेप स्वायत्तशासी संस्थाओं पर होता है तो उसके गंभीर परिणाम सामने आते हैं। सरकार और संस्थाओं को ज्यादा से ज्यादा जवाबदेह बनाने की जरुरत है। लेकिन बजाय इसके देखने में आ रहा है कि अब विभिन्न प्रकार की संस्थाएं सरकार में बैठे नुमाइंदों के इशारे पर उन्हें खुश करने के लिए काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो अपना काम ईमानदारी से करना चाहते हैं। इसे प्रमोट किए जाने से ही स्थिति में बदलाव आ सकता है।

------

आप देखें कि यूपीएससी और बैंक की परीक्षाओं में फ्रॉड के मामले सामने नहीं आते। लेकिन बाकी दूसरी सभी संस्थाओं की भर्तियों में फ्रॉड की आशंका बनी रहती है। मेरे विचार में करप्शन का बड़ा कारण पोलिटिकल विल का वीक होना है। सरकार और प्रशासन चाह ले तो बच्चे के हाथ से कोई खिलौना नहीं छिना सकता। हमें आगामी चुनाव में एक ईमानदार सरकार का चयन बहुत सोच समझकर करना है।

अनुज शर्मा

-------

जो देश की एकता, अखंडता और गरिमा को बनाए रखने की विचारधारा से काम करेगा। मैं उसे अपना वोट दूंगा। जय जवान, जय किसान मेरे दिमाग में है। इसके अलावा कृषि के लिए क्या काम किया जाए? इस पर भी मेरा फोकस होगा।

रोहित राजपूत

यह देखना होगा कि हमारी सरकार ने लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए क्या किया है? बहुत सारे छोटे-छोटे कारखाने, मिल और फैक्ट्रियां बंद हो रही हैं जोकि एक गंभीर विषय है। जब सरकारी क्षेत्रों में नौकरी नहीं मिल रही तो इस ओर काम किए जाने की जरुरत है।

रवि पाल

Posted By: Inextlive