- साइबर क्राइम के लिए कुख्यात हो चुका झारखंड का करमाटांड़ गांव

- साइबर ठगी की वारदातों में संदिग्धों की पड़ताल को सबसे पहले यहीं पहुंचती है पुलिस

- कई वारदातों का खुलासा हुआ है इसी गांव में

DEHRADUN: झारखंड का करमाटांड़ गांव साइबर ठगी के मामलों के लिए कुख्यात हो चुका है। साइबर क्राइम के अधिकांश मामलों में इस गांव के कनेक्शन जुड़े पाए गए हैं। ऐसे में कहीं भी कोई साइबर क्राइम की वारदात होती है तो पुलिस सबसे पहले इसी गांव में संदिग्धों की तलाश के लिए दबिश देती है। पुलिस द्वारा पहले भी कई संदिग्ध यहां से दबोचे गए हैं।

आए दिन पुलिस की दबिश

झारखंड के जामताड़ा जिले का एक छोटा सा गांव है करमाटांड़। ये देशभर के साइबर ठगों का ठिकाना है। आये दिन पुलिस यहां अपराधियों की धरपकड़ के लिए दबिश देती है। हाल यह है कि एक राज्य की पुलिस दबिश देकर लौटती है, तो संदिग्धों की तलाश में दूसरे राज्य की पुलिस गांव में डेरा डाल लेती है।

पहले नशे का अड़्डा था गांव

आज से एक दशक पहले तक करमाटांड़ गांव के बाशिंदे ट्रेन में लोगों को नशा खिलाकर या सुंघाकर यात्रियों को लूट लेते थे। ऐसी वारदातों के कारण गांव कुख्यात हो चुका था। इसके बाद साइबर क्रिमिनल्स ने गांव को अपना अड़्डा बना लिया। पैसा आते ही इन लोगों का लाइफस्टाइल और रहन-सहन पूरी तरह से बदल गया।

पक्के भवनों में तब्दील हुए कच्चे मकान

साइबर क्राइम में हाथ डालते ही कच्चे मकान पक्के मकानों में तब्दील होने लगे। लोगों को ऑनलाइन मोटी चपत लगाकर साइबर क्रिमिनल ने अपने कच्चे मकान आलीशान मकानों में तब्दील कर दिये। बताया जाता है कि अब लोग पानी की तरह यहां पैसा बहाते हैं। हर घर के आगे लग्जरी वाहन पार्क नजर आते हैं।

मोबाइल बेलैंस चोरी से खातों में सेंध तक

पुलिस के अनुसार वर्ष 2008 में इन लोगों ने सबसे पहले मोबाइल बेलैंस चोरी करना शुरू किया। जिससे ये लोग दूसरे के मोबाइल से एक दिन में दो सौ, तीन सौ रुपए का बैलेंस उड़ाते थे। धीरे-धीरे उन्होंने लोगों को खुद को बैंक अफसर बताते हुए बैंक खातों पर सेंध लगाना शुरू कर दिया।

2010 में हुआ खुलासा

2010 में जब पहली बार अन्य राज्यों की पुलिस आरोपियों को ढूंढने करमाटांड़ पहुंची, तब जाकर लोगों को पता चला कि देशभर में करमाटांड़ गांव साइबर क्राइम के लिए कुख्यात है। 2008 से साइबर क्राइम की दुनिया में कदम रखने वाले ये लोग मात्र 11 सालों में तकरीबन हर राज्य के में साइबर क्राइम की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं।

दून पुलिस भी पहुंची करमाटांड़

दून पुलिस की साइबर सेल के इंस्पेक्टर भारत सिंह ने बताया कि वो भी तीन-चार बार साइबर क्राइम के आरोपियों की पड़ताल को करमाटंाड़ गांव जा चुकें हैं। वहां से अपराधियों की गिरफ्तार कर दून भी लाया गया। लेकिन, अपराधी बेल पर छूट जाते हैं और दोबारा साइबर क्राइम की वारदातों को अंजाम देना शुरू कर देते हैं।

साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कई लोगों को बैंक अफसर बनकर ठगा गया है। जब भी ऐसी कोई बड़ी वारदात सामने आती है, सबसे पहले करमाटांड़ गांव में आरोपियों की पड़ताल की जाती है। कई बार साइबर ठगी के कनेक्शन इस गंाव से जुड़े हैं।

भारत सिंह, इंस्पेक्टर, साइबर सेल

 

 

Posted By: Inextlive